पश्चिम बंगाल विधानसभा में सर्वसम्मति से राएंटी रेप बिल 'अपराजिता' पास हो गया है. बड़ी बात यह है कि बीजेपी सहित परा विपक्ष ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है. बता दें कि पिछले महीने राज्य द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले के बाद विशेष सत्र बुलाया गया गया थ. विधेयक में रेप के दोषियों को फांसी देने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा और किन-किन प्रावधानों को शामिल किया गया है इस रिपोर्ट के मध्यम से जानने की कोशिश करेंगे...
रेप और हत्या करने वाले को दी जाएगी फांसी
विधेयक में बलात्कार और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में राज्य पुलिस को 21 दिनों के अंदर जांच पूरी करनी होगी. विधेयक में दरिंदगी करने वाले के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान किया गया है. वहीं अपराधी की मदद करने वालों को 5 साल कैद की सजा दी जाएगी.
अपराजिता टास्क फोर्स का होगा गठन
अपराजिता विधेयक में राज्य के हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान किया गया है. ये टास्क फोर्स रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में एक्शन लेगी और टास्क एक्शन फोर्स ही अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचाएगी.
एसिड अटैक करने पर होगी उम्रकैद
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में बलात्कार के साथ ही एसिड अटैक को भी उतना ही गंभीर माना गया है. इसलिए ऐसे अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया गया है और दोषी पाए जाने पर अपराधी के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है.
पहचान उजागर करने वालों को भी मिलेगी सजा
विधेयक में बलात्कार जैसे मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल तक की सजा हो सकती है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में संशोधन
विधेयक में रेप की जांच और सुनवाई में तेजी लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) प्रावधानों में संशोधन शामिल किया गया है. प्रावधान के अनुसार, सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई भी 30 दिनों के भीतर करनी होगी. यह विधेयक कितना प्रभावी होगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन ममता सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को लाने से राज्य में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी.