आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की जमानत याचिका न्यायालय के द्वारा खारिज कर दी गई है. बिभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन एडिशनल सेशन जज सुशील अनुज त्यागी ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया.
बता दें कि विभव कुमार पर 13 मई को दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है. दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. न्यायालय के एक आदेश बाद उन्हें 24 मई को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. वह 28 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे.
दिल्ली सीएम केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार को इससे पहले पांच दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया था. बता दें कि आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वाति भी कोर्ट में मौजूद रहीं. सुनवाई के दौरान बिभव के वकील ने आरोप लगाया कि जब सेंसेटिव बॉडी पार्ट्स पर चोट के निशान नहीं मिले तो गैर इरादतन हत्या का सवाल ही नहीं है.
बिभव के वकील ने कहा था कि बिभव का स्वाति को निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था. ये चोटें खुद को पहुंचाई जा सकती हैं. साथ ही बिभव के वकील ने यह भी कहा कि पुराने जमाने में ऐसे आरोप कौरवों पर लगे थे, जिन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था. स्वाति ने यह एफआईआर पूरी प्लानिंग करके 3 दिन बाद दर्ज कराई है. इस दौरान स्वाति मालीवाल अपने खिलाफ वकील की ये दलीलें सुनकर कोर्ट रूम में ही रो पड़ीं थी.
स्वाति ने कोर्ट को बताया कि बिभव कोई आम आदमी नहीं हैं, वह मंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं इस्तेमाल करता है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. मालीवाल ने कहा था कि मेरे बयान दर्ज करवाने के बाद आप नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की.
मुझे बीजेपी एजेंट कह गया. उनके पास बहुत बड़ी मशीनरी, उन्होंने इस मशीनरी को काम में लगा दिया है. आरोपी को मुंबई पार्टी के नेता लेकर गए. स्वाति मालीवाल ने कहा कि अगर इस आरोपी को बेल दी गई तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा होगा. स्वाति मालीवाल ने कहा कि बिभव कुमार आम आदमी नहीं है. वह मिनिस्टर्स द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुविधाएं लेता है.