Operation Sindoor: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर जारी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है, एक तरफ राहुल गांधी पीएम मोदी और देश की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हैं तो वहीं सेना पर सवाल उठाते हुए ये भी पूछने से नहीं चूकते कि पाकिस्तान में भारतीय लड़ाकू विमान राफेल गिरा था या नहीं. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के ही सांसद हैं इमरान मसूद जो बयान दे रहे हैं कि हम ट्रंप के गुलाम नहीं हैं. जिस पर बीजेपी की तरफ से भी कई पलटवार किये गए हैं.
राहुल ने उठाया था राफेल पर सवाल
राहुल गांधी ने सबसे पहले राफेल पर सवाल उठाया था, उन्होंने पूछा था कि पाकिस्तान में राफेल गिरा है या नहीं, जबकि सेना की तरफ से जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर इस बारे में बात करने से मना कर दिया गया था. हालांकि सेना ने अपनी पीसी में बताया था कि भारत को इस तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. इसके बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि उन्होंने पाकिस्तान पर भरोसा क्यों किया? जबकि भारत सरकार की तरफ से पहले ही कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, ये लगातार जारी रहेगा, और पाकिस्तान की तरफ से अगर कोई भी आतंकी हमला किया गया तो उसे युद्ध की तरह ही जवाब दिया जाएगा.
क्या हम ट्रंप के गुलाम हैं- इमरान मसूद
तो अब राहुल के बाद उन्हीं की पार्टी के सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने दावा किया है कि हमारी सेना पीओके में घुस गई थी, हमें तो बस पीओके पर कब्जा करना था, लेकिन सरकार ने सीजफायर कर लिया. साथ ही मसूद ने एक बात और कही है, उन्होंने कहा है कि क्या हम ट्रंप के गुलाम हैं, अगर नहीं हैं तो फिर सीजफायर क्यों किया गया?
बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस के इन बयानों पर बीजेपी की तरफ से भी कड़ प्रतिक्रिया सामने आई है, बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने राहुल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेताओं के बयानों को पाकिस्तान की संसद में सुनाय जा रहा है, इनके बयानों से लगता है कि ये पाकिस्तान के झूठ का समर्थन कर रहे हैं. इसके साथ ही गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए कहा है कि आप भारत के नेता प्रतिपक्ष हैं या पाकिस्तान के निशान-ए-पाकिस्तान हैं?
निशिकांत दुबे का बयान
गौरव के अलावा अक्सर चर्चाओं में रहने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का भी एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए कहा है कि 1991 में जब कांग्रेस के समर्थन की सरकार चल रही थी उसी समय एक समझौता हुआ था, जिसमें ये बात निश्चित हुई थी कि हमले के वक्त भारत-पाकिस्तान एक दूसरे को जानकारी देंगे. इसके साथ ही दुबे ने राहुल गांधी पर ये आरोप भी लगाया कि उनकी नजर हमेशा पाकिस्तानी वोट बैंक पर ही रहती है.