Changur Baba ATS Arrest: हिंदी में एक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है चोर-चोर मौसेरे भाई, और यूपी में ये कहावत इन दिनों छांगुर बाबा पर फिट बैठती दिख रही है, गिरफ्तारी के बाद पहले इसके संबंध माफिया मुख्तार से निकले, पता चला उसके गुर्गों के दम पर इसने जमीनें कब्जाई और अब इसके संबंध माफिया अतीक अहमद से सामने आ रहे हैं, जिसका दावा खुद पूर्व राज्यमंत्री और श्रावस्ती से अतीक के सामने चुनाव लड़ चुके ददन मिश्रा ने किया है, पता ये भी चला है कि बीते कुछ सालों में ये प्रयागराज भी गया था, तो क्या अतीक के ग्रुप को ये फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा था. तो पहले ददन मिश्रा का दावा सुनिए फिर इन सवालों पर आते हैं और ये भी बताते हैं छांगुर ने 1000 युवाओं की फौज क्यों बनाई थी और उसका मकसद क्या था. ददन मिश्रा कहते हैं
“2014 के लोकसभा चुनाव में जब अतीक अहमद नामांकन करने पहुंचा तो छांगुर ने अपना घोड़ा अतीक को दिया था. उस दौरान अतीक ने बीजेपी समर्थकों की ओर भी घोड़ा दौड़ा दिया था. अतीक के गुर्गों ने ही छांगुर की मुंबई की राह आसान की.”
मुंबई से लौटते ही छांगुर ने अपना अवैध धंधा तेज कर दिया था. ये अतीक के साथ खुली जीप में ऐसे घूमता मानो ये उसका बड़ा सिपहसलार हो. अब यहां समझने वाली बात ये है कि छांगुर तो बलरामपुर का रहने वाला है, उसकी पकड़ भी यहीं आसपास है, फिर श्रावस्ती चुनाव अतीक ने उस पर इतना भरोसा क्यों किया.
यही वजह है कि अतीक को लगा करीब 3 लाख मुस्लिम आबादी वाले लोकसभा क्षेत्र पर वो जीत हासिल कर लेगा, उसने पानी की तरह पैसे बहाए, लेकिन वहां की जनता ने उसे नकार दिया, और साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने तो अतीक पर शिकंजा कसना शुरू हो गया, यही वो दौर था जब छांगुर अपना काला साम्राज्य बढ़ाने में जुट गया था....पहले अपने गुर्गों के जरिए लोगों को बहला-फुसलाकर अपने पास बुलाता, उनकी सोच बदलता और फिर अपने मंसूबे को अंजाम देता, इस काम में उसे विदेशी फंडिंग भी मिल रही थी, और आगे की प्लानिंग इतनी बड़ी थी कि सुनकर आपका भी दिमाग हिल जाएगा. कई मीडिया रिपोर्ट ये दावा करती हैं कि
छांगुर की फौज का मकसद क्या?
लेकिन अब इसका ये मंसूबा कामयाब नहीं हो पाएगा, क्योंकि यूपी एटीएस ने इसे और इसके गुर्गों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. और योगी सरकार ने ये आदेश दिया है कि इसके घर पर तीन-चार दिनों तक जो भी 8-8 बुलडोजर गरजे हैं, उसके ध्वस्तीकरण का जो खर्चा आया है, वो भी यही देगा, करीब 8 लाख 55 हजार रुपये इसे ध्वस्तीकरण कार्रवाई के देने होंगे, जिसे सुनकर कई लोग कह रहे हैं छांगुर जैसे लोगों को औऱ कड़ी सजा मिलनी चाहिए.