Changur Baba Codewords: छांगुर के 3 कोडवर्ड हुए डिकोड, लड़कियों को कहता था प्रोजेक्ट! 300 लड़कियां कैसे हो गईं मदरसे से गायब?

Abhishek Chaturvedi 12 Jul 2025 03:18: PM 2 Mins
Changur Baba Codewords: छांगुर के 3 कोडवर्ड हुए डिकोड, लड़कियों को कहता था प्रोजेक्ट! 300 लड़कियां कैसे हो गईं मदरसे से गायब?
  • लड़कियों को प्रोजेक्ट कहकर बुलाता, मिट्टी पलटना बोलकर खेल रचता, छांगुर बाबा के 4 कोडवर्ड हुए डिकोड
  • आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गोंडा और श्रावस्ती तक जुड़े तार, नसरीन पर नया खुलासा,4 महीने में कमाए 14 करोड़
  • गुजरात का मौलाना पकड़ाया, छांगुर का नाम आया, मदरसे से कहां गायब हुईं 300 लड़कियां, भयंकर खुलासा!

Changur Baba Codewords: सफेद टोपी वाले छांगुर बाबा ऊर्फ जलालुद्दीन का नया काला चिट्ठा खुला है, यूपी एटीएस की पूछताछ में उसने बड़ा कबूलनामा किया है, लड़कियों को अपने पास बुलाने से लेकर उनका माइंडवॉश करने तक में ये चार तरह के कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था. जिसके बारे में पहले सुनिए फिर बताते हैं छांगुर के नेटवर्क वाले एक मदरसे से 300 लड़कियों के गायब होने वाली कहानी क्या है.

कोडवर्ड नंबर 1, प्रोजेक्ट

य़े शब्द छांगुर बाबा लड़कियों के लिए इस्तेमाल करता था, ताकि किसी को शक न हो. उन्हें पैसे का लालच, विदेश भेजने और स्कॉलरशिप के नाम पर खुद से जोड़ता था.

कोडवर्ड नंबर 2, काजल करना

ये शब्द माइंडवॉश के लिए था. जो भी लड़की बाबा को पसंद आती या जरूरतमंद होती उसके माइंडवॉश के लिए छांगुर काजल करना शब्द का इस्तेमाल करता था.

कोडवर्ड नंबर 3, मिट्टी पलटना

ये शब्द तब इस्तेमाल होता था, जब कोई लड़की बाबा की जाल में आ जाती, या उसका पूरा परिवार उसकी बातें मानने लगता, फिर वो उन्हें बुर्का ओढ़ाने के लिए मिट्टी पलट दो.

कोडवर्ड नंबर 4, दर्शन करवाना

ये आखिरी चरण था, जहां सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद छांगुर बाबा से मुलाकात करवाई जाती थी.

जहां वो सीक्रेट कमरे में मुलाकात करता, बातचीत करता. चूंकि उसके कमरे से विदेशी तेल औऱ दवाईयां तक मिली है, 70 की उम्र में भी वो खुद को जवान रखना चाहता था, इसलिए इस बात के शक भी जताए जा रहे हैं कि छांगुर किसी और खेल में भी शामिल था. भारत समाचार की एक रिपोर्ट ये दावा करती है कि

  • श्रावस्ती जिले के इकौना क्षेत्र में बीते 6 साल से चल रहे अवैध मदरसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है
  • यहां 300 से ज्यादा लड़कियों की मौजूदगी का पता चला था, लेकिन अब उनके कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहे
  • 3 मई को मदरसा सील किया गया था, लेकिन 7 दिन बाद ही 10 मई को इसे दोबारा से खोल दिया गया
  • गुजरात का रहने वाला सैय्यद सिराजुद्दीन ये मदरसा चला रहा था, जिसकी गिरफ्तारी से कई राज खुले हैं
  • छांगुर बाबा के नेटवर्क से जुड़े नाम के तहत ही ये अवैध मदरसा चल रहा था, फिर वो लड़कियां कहां गईं

चूंकि कुछ दिन पहले प्रयागराज की एक लड़की को केरल ले जाने और फिर उस पर दबाव बनाने का मामला सामने आया था, तो सवाल उठता है क्या यूपी में कोई बड़ा गैंग एक्टिव है, जो इस तरीके की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. जानकारी ये भी मिली है कि निकाह और शादी का वादा करने के बाद नया जीवन शुरू करने की शर्त भी छांगुर के गुर्गे बताते थे. पर अब छांगुर और उसके सारे सहयोगियों की जिंदगी सलाखों के पीछे बीतने वाली है, क्योंकि यूपी एटीएस के अलावा ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है. 4 महीने में नीतू ऊर्फ नसरीन के अकाउंट में 14 करोड़ रुपये के लेन-देन की ख़बर ने जांच एजेंसियों को भी सन्न कर दिया है कि आखिर इतना पैसा इसके पास आया कहां से. खुलासा ये भी हुआ है कि खर्च का पूरा हिसाब छांगुर की कथित गर्लफ्रेंड नीतू ऊर्फ नसरीन रखती थी, जबकि नवीन स्थानीय लेवल पर सारी चीजें मैनेज करता था, लेकिन अब सारा मैनेजमेंट उशका फेल हो चुका है.

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