नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ASI ने मस्जिद के स्ट्रक्चर को लेकर गई बाडे़ दावे किया हैं. ASI की तरफ से कहा गया है कि मस्जिद के स्ट्रक्चर में कई बदलाव देखने को मिला है, जो पहले नहीं थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने दोबार से बड़े स्तर पर सर्वे के आदेश दिए हैं. बता दें कि मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद की रंगाई-पुताई की मांग की गई थी. जिसके बाद कोर्ट तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. टीम को कहा गया था कि मस्जिद का निरीक्षण कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए, जिसके बाद टीम ने आज हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपा और कहा कि मस्जित के स्ट्रक्चर में कई बदलाव देखे गए हैं, जिसके बाद कोर्ट ने एक बार फिर से व्यापक स्तर सर्वे के आदेश दिए गए हैं.
इधर जानकारी मिली है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद दोबारा से भारी संख्या में मस्जिद के पास पुलसबल को तैनात किया गया है. ताकि हिंसा की स्थिति से निपटा जा सके. इससे पहले जब संभल मस्जिद में सर्वे हुआ था तो बड़े स्तर पर हिंसा देखने को मिली थी.
बता दें कि हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की मांग पर तीन सदस्यों की टीम का गठन किया था, टीम ने मस्जिद में निरीक्षण के बाद आज हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी थी. ASI ने करीब 1 घंटा 10 मिनट तक निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार की थी. जिसपर कोर्ट को लगा कि मस्जिद में-रंगाई पोताई की आवश्यक्ता नहीं है. बता दें कि यह पहली बार था कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से मस्जिद की रंगाई-पुताई की मांग की गई थी, जिस पर हिंदू पक्ष ने ऐतराज जताया था. हिंदू पक्ष का कहना था कि रंगाई-पुताई के दौरान साक्ष्यों को मिटाया जा सकता है.
वहीं अब हाईकोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अब मस्जिद में सिर्फ सफाई हो पाएगी. हालांकि दोनों पक्ष मंगलवार तक अपनी बाते रख सकते हैं, उसके बाद अगली सुनवाई की जाएगी. यानी अब मुस्लिम पक्ष कुछ औत दलीलों के साथ हाईकोर्ट जा सकते हैं. बता दें कि नवंबर 2024 में ASI सर्वे के दौरान यहां जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी, जिसमें कुछ लोगों की मौत भी हुई थी. यही कारण है कि यह मुद्द देशभर में छाए हुआ है. वहीं यूपी पुलिस लगातार इलाके में मुस्तैद दिख रही है. हर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है.
दावा किया गया है कि अलीगढ़ की जामा मस्जिद के नीचे महादेव का मंदिर या कोई स्तूप हो सकता है. अपनी बात को पुख्ता करने के लिए उन्होंने कुछ साक्ष्य भी कोर्ट में प्रस्तुत किये हैं. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद के अंदर प्राचीन स्थल है, जोकि किसी किले का अवशेष लगता है. एक ऊंचा शंक्वाकार आकार का टीला है, जो संदेह को बढ़ाता है. ये 700 इंच लंबा और 300 इंच ऊंचा टीला है, यह आकार मंदिर या बौद्ध स्तूप जैसा प्रतीत होता है.