यहां बनी भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग, उद्घाटन समारोह में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और CM धामी 

Amanat Ansari 16 Apr 2025 11:26: PM 2 Mins
यहां बनी भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग, उद्घाटन समारोह में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और CM धामी 

पौड़ी गढ़वाल: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की सुरंग टी-8 के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हुए. यह सुरंग देवप्रयाग को जनासू सेक्शन से जोड़ती है. रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ा है. यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर बनी है. इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंगें हैं.

इस ऐतिहासिक अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के सीएम धामी संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचे और इसका निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से सुरंग के बारे में जानकारी हासिल की. अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफलतापूर्वक उद्घाटन पर खुशी जताई और कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने इस उपलब्धि पर रेलवे के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी. रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर परिचालन शुरू होने की उम्मीद है. यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि 14.57 किलोमीटर लंबी यह रेलवे सुरंग (देवप्रयाग सौड़ से जनासू तक) उत्तराखंड ही नहीं बल्कि भारत की सबसे लंबी सुरंग है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है कि देश के पर्वतीय क्षेत्रों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

उन्होंने कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, उसने एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया है. रेल मंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के प्रमुख शहरों जैसे ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग को जोड़ेगी. रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की यात्रा सात घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे की रह जाएगी.

इससे सभी मौसमों में दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी और उत्तराखंड में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. यह चार धाम रेल परियोजना को पूरा करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. इस उपलब्धि के साथ, आरवीएनएल ने भारत के सबसे कठिन क्षेत्रों में आधुनिक निर्माण तकनीक में अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है. यह सफलता सिर्फ एक सुरंग की कहानी नहीं है, बल्कि एक नए, मजबूत और जुड़े हुए भारत की शुरुआत है.

सीएम धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. सीएम धामी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इससे न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन आसान होगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास को नई दिशा और गति मिली है. देवप्रयाग-सौड़ से श्रीनगर जनासू तक यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है और यह दर्शाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वेक्षण भी हो चुका है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Rail Tunnel Uttarakhand CM Dhami Ashwini Vaishnaw

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