नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के दलित और पिछड़े वर्गों के संगठन ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रस्तावित 'सनातन एकता यात्रा' (जिसे वे 'हिंदू राष्ट्र यात्रा' बता रहे हैं) का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है. संगठन ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इस यात्रा को तुरंत रोकने की मांग की है और यदि ऐसा न हुआ तो अदालत में केस दायर करने की धमकी दी है.
संगठन के प्रमुख दामोदर यादव ने आरोप लगाया कि शास्त्री अपनी बयानबाजी से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, "भारत संविधान के तहत धर्मनिरपेक्ष देश है. 'हिंदू राष्ट्र' की बात करना पूरी तरह असंवैधानिक है." यादव के मुताबिक, यदि राष्ट्रपति स्तर पर हस्तक्षेप न हुआ तो 2 से 6 नवंबर तक राज्य के 40-50 जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध मार्च और धरने आयोजित किए जाएंगे.
खासतौर पर 3 नवंबर को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर विशाल सभा होगी, जहां शास्त्री का पुतला जलाया जाएगा. संगठन ने साफ चेतावनी दी है कि वे सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठाएंगे. दामोदर यादव ने आगे कहा, "शास्त्री पहले भी एक ऐसी यात्रा कर चुके हैं और अब दूसरी की योजना बना रहे हैं. यह सब एक धर्म को बढ़ावा देकर देश में भेदभाव फैलाने का प्रयास है, जो संविधान का उल्लंघन है."
उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा रचित संविधान का हवाला देते हुए जोर दिया कि चाहे कोई भी सरकार हो, संविधान सर्वोपरि है. यादव ने आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर रावण का उदाहरण देते हुए कहा, "हमारे साथी पाखंड और दिखावे के खिलाफ हमेशा लड़ते रहे हैं. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है, और न्याय मिलकर रहेगा."
यह विवाद शास्त्री की यात्रा को लेकर पूरे राज्य में बहस छेड़ चुका है, जहां संगठन ने एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लिया है.