योगी ने अपने ही विधायकों को हड़काया, बीजेपी के विधायकों ने मांगा बुंदेलखंड राज्य, योगी के सामने लगाया नारा, तो योगी ने सबक सीखाया

Abhishek Shandilya 22 Feb 2025 03:06: PM 2 Mins
योगी ने अपने ही विधायकों को हड़काया, बीजेपी के विधायकों ने मांगा बुंदेलखंड राज्य, योगी के सामने लगाया नारा, तो योगी ने सबक सीखाया

लखनऊ: विधानसभा सत्र के शुरुआत के पहले यूपी में बीजेपी के विधायकों ने लॉबी में ही आपस में बुंदेलखंड अलग राज्य का मुद्दा उठाया, कुछ ही देर बाद योगी आदित्यनाथ के कानों तक पहुंच जाती है. बुंदेलखंड के विधायक बृजभूषण राजपूत, विनोद चतुर्वेदी, राकेश गोस्वामी, जवाहर राजपूत, और रवि शर्मा ने अगले ही मिनट तलब कर लिया. विधायकों ने योगी के सामने प्रस्ताव रखा बुंदेलखंड अलग बनेगा तो वहां का विकास होगा.

योगी ने सदन में किसी प्रकार का कोई सवाल न उठाने का आदेश जारी किया है. CM योगी बोले पार्टी के मंच के अलावा किसी और मंच पर अगर ये सवाल उठाया गया तो पार्टी कार्रवाई करेगी. सरकार कार्रवाई करेगी, और सीएम के सवालों के जवाब बुंदेलखंड के विधायक नहीं दे पाए. लेकिन सवाल ये उठता है कि मायावती वाला मुद्दा बीजेपी के विधायकों ने क्यों उठाया. क्योंकि यूपी को चार भागों में बांटने का ऐलान मायावती ने किया था, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अप्रैल 2024 में कहा था कि अगर उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है, तो पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी.

ऐसा पहली बार नहीं था, जब मायावती ने यूपी के विभाजन को लेकर बयान दिया था. मायावती यूपी को चार राज्यों में बांटने की वकालत कर चुकी हैं. वह जब 2011 में मुख्यमंत्री थीं, तब प्रदेश को 4 भागों में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा में लाई थीं. इसके मुताबिक, संपूर्ण यूपी को हरित प्रदेश (पश्चिमी भाग), अवध प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में बांटा जाना था.

मायावती के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, पूर्वांचल में गोरखपुर समेत राज्य के 22 पूर्वी जिले शामिल होंगे. राजधानी लखनऊ अवध प्रदेश का हिस्सा होगा. पश्चिम प्रदेश या हरित प्रदेश में मेरठ और गाजियाबाद शामिल होंगे और बुंदेलखंड में सात जिले होंगे. उस वक्त जब मायावती सदन में यूपी को चार भागों में बांटने का प्रस्ताव लेकर आईं तो बीजेपी और समाजवादी पार्टी इतिहास में पहली बार एक हो गई, और इस प्रस्ताव का संयुक्त रूप से विरोध दिया.

अखंड यूपी का नारा समाजवादी पार्टी और बीजेपी दोनों ने दिया था, यानि कि सपा और बीजेपी दोनों यूपी को बांटने के खिलाफ हैं, तो बीजेपी के विधायकों ने ये सवाल क्यों उठाया. क्या पार्टी के भीतर ही योगी को घेरने की तैयारी है? इसके पहले भी कई बीजेपी नेता यूपी को अलग करने की मांग कर चुके हैं. बीजेपी के जाटों के दबंग नेता संजीव बालियान मांग कर चुके हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आबादी 8 करोड़ है, हाईकोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है, इसिलिए ये मांग जायज है कि पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाना चाहिए और मेरठ को इसकी राजधानी बनानी चाहिए.

वहीं, योगी आदित्यनाथ किसी भी हाल में, यूपी को बांटने की सियासत वालों के साथ नहीं हैं. क्योंकि वो पहले से ही बंटने का विरोध कर रहे हैं और रहने का निवेदन कर रहे हैं. जिसके लिए उन्होंने नारा दिया बंटेंगे तो कटेंगे. बीजेपी में योगी का कद इतना बढ़ गया है कि वो अपने विधायकों को बुला-बुलाकर हड़का रहे हैं. जैसे मोदी अपने मंत्रियों औऱ नेताओं को हड़काते हैं, बीजेपी में गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक एक गुट योगी का विरोध करने पर ही तुला है.

गाजियाबाद की लोनी सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर केशव प्रसाद मौर्या के करीबी हैं. राजनाथ सिंह जब गाजियाबाद से सांसद थे, तब नंदकिशोर गुर्जर के रिश्ते रक्षामंत्री के साथ बन गए और ये हर बयान योगी के खिलाफ देते हैं. बंद कैमरे पर तो योगी को शून्य और केशव को हीरो बताते हैं, तो योगी को महाकुंभ के बाद ये देख लेना चाहिए कि 2027 में अपने कितने विरोधी होंगे जो गड्ढे में उन्हें गिराने का काम करेंगे.

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