कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सिसामऊ विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे पूर्व सपा नेता इरफान सोलंकी की मुश्किलें लगातार बढ़ सकती हैं. हाल में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. वित्तीय अनियमितता के साथ ही बांग्लादेशी नागरिक को आश्रय देने के आरोपों से जुड़े मामले में ईडी ने सोलंकी और उनके सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
सूत्रों की माने तो एजेंसी ने सोलंकी सहित उनसे जुड़े छह लोगों को तलब किया है और सभी को लखनऊ स्थित कार्यालय में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं. इस सूची में कानपुर के पांच अन्य प्रमुख व्यक्ति भी शामिल हैं, जो पहले से ही अलग-अलग मामलों में नामजद हो चुके हैं. ईडी का आरोप है कि सोलंकी ने न केवल एक बांग्लादेशी नागरिक को शरण दी बल्कि उसे भारतीय पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने में भी उसकी पूरी मदद की. इसके साथ ही संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में भी उनकी संलिप्तता पाई गई है.
मार्च 2024 में ईडी ने इरफान सोलंकी के पांच ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ईडी ने जब्त किया था. इसी जांच के आधार पर ईडी ने चार्जशीट तैयार की गई. तलब किए गए लोगों में सोलंकी के करीबी दो बार नगर निगम पार्षद चुनाव जीते हुए लोग है हालांकि, एक मामले में जेल जाने के कारण पिछला चुनाव नहीं लड़ सके थे. उनके परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में उतरकर जीत हासिल की थी.
एजेंसी ने कानपुर के जाने-माने बिल्डर हाजी वसी को पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया है. इसके अलावा कथित बांग्लादेशी नागरिक को भी ईडी ने समन भेजा है, जिस पर पहले धोखाधड़ी से आधार और अन्य पहचान पत्र हासिल करने का आरोप है. बांग्लादेशी नागरिक इस मामले में हवालात भी जा चुका है.
गौरतलब है कि जून 2024 में जाजमऊ में हुई आगजनी के मामले में सोलंकी को सात साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. दिसंबर 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज केस में भी उन्हें गैंग लीडर बताया गया था, जिसमें उनके करीबी सहयोगियों रिजवान सोलंकी, इजराइल अटेवाला और शौकत पहलवान समेत अन्य नामजद थे.
हाल ही में 25 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इरफान सोलंकी सहित रिजवान और इजराइल को राहत देते हुए जमानत दी थी, जिसके बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, लेकिन ठीक इसी बीच ईडी की चार्जशीट और नया समन उन्हें एक बार फिर कानूनी मुश्किलों में डाल दिया है.