लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मेरठ के जिले में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित 37वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवाओं के बीच बढ़ती नशे की लत पर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जिस दौर में विद्यार्थियों को अपने भविष्य व समाज की दिशा तय करनी चाहिए. उसी समय ड्रग्स जैसी बुराई उनकी क्षमताओं को खत्म कर दे रही है. राज्यपाल ने साफ शब्दों में कहा कि अब केवल बेटे ही नहीं बल्कि, बेटियां भी ड्रग्स की चपेट में आ रही हैं. यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है और समाज को आत्ममंथन की आवश्यकता है.
राज्यपाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर माता-पिता, शिक्षक और समाज अपनी जिम्मेदारी से क्यों पीछे हट रहे हैं. संस्कारों की कमी और निगरानी की ढील ही युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रही है. राज्यपाल ने उपस्थित विद्यार्थियों से अपील किया कि वे आज ही संकल्प लें कि वह नशे से दूर रहेंगे. वहीं, समाज को इस बुराई से बचाने में अपना पूरा योगदान देंगे. समारोह में राज्यपाल ने 147 मेधावी छात्रों को और कुल 245 स्वर्ण पदक प्रदान किए. इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को भी निर्देश दिए कि कैंपस को ड्रग्स मुक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए.
कुलपति से कहा गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर ड्रग्स जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कराई जाए और उनमें चिकित्सकों व विशेषज्ञों को शामिल किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मेडल के पीछे नशे की आदत छिपी है तो उसका कोई महत्व नहीं है.
इसके साथ ही राज्यपाल ने ऑनलाइन गेमिंग के नए कानून, जीएसटी की सरल और पारदर्शी व्यवस्था तथा ‘मेड इन इंडिया’ अभियान पर कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को स्वदेशी दिवस मनाकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरित करना चाहिए.