नई दिल्ली: कहा जाता है कुछ लोगों को शर्म आती ही नहीं, और ये जो चेहरा आपको टीटीई का दिख रहा है, ये व्यक्ति भी कुछ ऐसा ही है, जब सोशल मीडिया पर हर कोई कह रहा था सेना के जवानों का मनोबल बढ़ाइए, वो आपकी तरफ से गुजरें तो उनका फोटो-वीडियो मत बनाइए, अगर वो गाड़ी में खड़े होकर जा रहे हैं तो उन्हें अपनी सीट दीजिए, और लोग ऐसा कर भी रहे थे, पर इस सरकारी टीटीई ने ठीक इसके उल्टा काम किया, सेना में सूबेदार विनोद कुमार दूबे बताते हैं
8 मई की रात करीब 10 बजे फोन पर मैसेज आया कि छुट्टी रद्द हो गया, ड्यूटी पर लौटिए. मैसेज मिलते ही बैग पैक करके 11 बजे रात रेलवे स्टेशन पहुंचा, और इंदौर से जम्मू जाने वाले मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में जनरल टिकट लेकर बैठ गया. साथ में अग्निवीर जहीर खान और एक हवलदार राजकुमार भदौरिया भी थे. तभी दलजीत सिंह नाम के टीटीई आए, और अग्निवीर से टिकट मांगा, उसने आईडी और टिकट दिखाकर कहा साहब छुट्टी रद्द हुई, अचानक जाना पड़ रहा है, लेकिन टीटीई नहीं माना, उसने 150 रुपये लिए और बिना कोई स्लीप दिए चले गए.
अभी कहानी खत्म नहीं होती, बल्कि इसके आगे विनोद कुमार दूबे जो बताते हैं, उसे सुनकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी गुस्सा आएगा, क्योंकि इस टीटीई ने सिर्फ रिश्वत नहीं ली है, बल्कि इसके आगे और भी बड़ा कांड किया है. विनोद कुमार दूबे आगे बताते हैं
टीटीई- आपका टिकट कहां है, नहीं है तो जनरल में जाइए
सूबेदार विनोद- सर सफर लंबा है, जम्मू जाकर बॉर्डर पर ड्यूटी करनी है
टीटीई- आप कर्नल, जनरल, सूबेदार कुछ भी हों, हमको इससे मतलब नहीं है
ट्रेन में टीटीई की गुंडागर्दी, इमरजेंसी में बॉर्डर पर जा रहे सेना के जवान से ली रिश्वत, बैठने के लिए सीट भी नहीं दी, उल्टा धमकी देकर गया. ऐसे लोगों के साथ क्या होना चाहिए pic.twitter.com/dqImXpt0Dd
— Rahul Jadaun (@irahuljadaun) May 11, 2025
जैसे ही वीडियो सामने आया, एक यूजर ने कहा ऐसे टीटीई को बर्खास्त करो, तो एक ने कहा सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, मामला रेलवे तक पहुंचा और नॉर्थन रेलवे ने ट्वीट कर जानकारी दी दलजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन सवाल है सेना के जवान के साथ बदसलूकी की सजा क्या सिर्फ सस्पेंशन है, और जिस अग्निवीर से 150 रुपये की रिश्वत दलजीत सिंह ने उस पर क्या एक्शन होगा, पूरा देश जब एक साथ सेना के साथ खड़ा है तो दलजीत सिंह जैसे लोगों को ये बात क्यों समझ नहीं आती. नियम का पालन होना जरूरी है, लेकिन इमरजेंसी में जिस जवान की छुट्टियां रद्द कर दी गईं, वो कैसे अपनी ड्यूटी पर तुरंत लौटेगा, क्या रेलवे को इसके लिए स्पेशल ट्रेन चलानी चाहिए, ताकि वहां कोई दूसरा दलजीत इन्हें परेशान न कर पाए, या फिर दलजीत पर और कोई एक्शन होना चाहिए, फिलहाल रेलवे विभाग ने टीटीई के खिलाफ जांच बिठाई है, सवाल सेना का है, इसलिए आपका एक-एक जवाब काफी मायने रखता है.