वाराणसी के जिला जज न्यायालय में ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े दो मामलों की सुनवाई हुई. बता दें कि शनिवार दोपहर बाद जिला एवं सत्र न्यायालय में श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन के मुख्य वाद समेत ज्ञानवापी से जुड़ीं मांगें सुनी गईं. इसमें पांच महिला वादिनी हैं.
याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी वाले स्थान पर देवताओं की पूजा और नियमित दर्शन के अलावा व्यास तहखाने की मरम्मत, छत पर मुस्लिम समुदाय का प्रवेश रोकने और अंदर मौजूद अन्य तहखानों के एएसआई सर्वे की मांग की गई है.
वहीं कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 29 मई निर्धारित की है. इस याचिका में यह दावा किया गया है कि ज्ञानवापी परिसर के दक्षिण की तरफ और उत्तर की ओर सहित अन्य तहखानों के एएसआई सर्वे को करवाया जाए. क्योंकि वह पत्थर से बंद कर दिए गए हैं अवरोध हटाकर उनकी जांच की जानी आवश्यक है.
राखी सिंह की तरफ से दायर याचिका में अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की और काउंटर की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है. इसके अलावा वादी महिला लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू विकास और रेखा पाठक की तरफ से दायर याचिका पर भी उनके वकील ने अपना पक्ष रखा.
राखी सिंह के वकील की तरफ से ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखानों के अंदर मौजूद अन्य तहखानों के सर्वे की मांग पर भी बहस की गई. इसके अलावा व्यास जी के तहखाना की छत की मरम्मत और मुस्लिम कम्युनिटी के प्रवेश पर रोक की मांग की याचिका पर भी सुनवाई हुई.
बता दें कि इस मामले में से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने 8 मार्च को जिला जज की अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करते हुए मरम्मत की अनुमति भी मांगी थी.