चंडीगढ़: दिवंगत IPS अधिकारी वाई पुरण कुमार की पत्नी हरियाणा की IAS अधिकारी अमनीत कुमार ने पति की आत्महत्या को लेकर दर्ज FIR के कंटेंट से नाराजगी जताई है. उन्होंने चंडीगढ़ के सीनियर SP को तुरंत सुधार के लिए पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि गुरुवार रात 10:22 बजे उन्हें दी गई FIR नंबर 156 की कॉपी बिना साइन की थी और इसमें अधूरी जानकारी थी. उनके पत्र में लिखा है, "आरोपियों के नाम साफ-साफ नहीं लिखे गए हैं और दस्तावेज में निष्पक्ष व पारदर्शी जांच के लिए जरूरी डिटेल्स की कमी है."
उन्होंने कहा, "मेरी शिकायत के मुताबिक, आरोपी (1) शत्रुजीत कपूर (2) नरेंद्र बिजरनिया के नाम FIR में नहीं डाले गए. ये उनकी सुसाइड का मुख्य कारण थे. तय FIR फॉर्मेट के कॉलम 7 में सभी आरोपी साफ लिखे जाने चाहिए." उन्होंने FIR में सुधार की मांग की, ताकि सभी आरोपी सही जगह पर नाम दर्ज हों. गुरुवार को पुलिस ने कहा था कि FIR में "सुसाइड नोट में नाम लिए गए सभी लोग" शामिल हैं, लेकिन उन्होंने रिकॉर्ड पर नहीं कहा कि हरियाणा DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजरनिया आरोपी हैं या नहीं.
अमनीत ने चंडीगढ़ पुलिस पर SC & ST (अत्याचार रोकथाम) एक्ट के तहत चार्ज कमजोर करने का भी आरोप लगाया. FIR में एक्ट की धारा 3(1)(र) लगाई गई है, जो कम से कम 6 महीने की जेल (5 साल तक बढ़ सकती है) और जुर्माना देती है. IAS अधिकारी का मानना है कि सही चार्ज धारा 3(2)(व) होनी चाहिए, जो पीड़ित की जाति से प्रेरित अपराध पर उम्रकैद और जुर्माना देती है. उन्होंने कहा कि FIR में ये धारा जोड़ी जाए, ताकि सही कानूनी प्रावधान लागू हों.
FIR में सुसाइड के लिए उकसाने के लिए BNS की धारा 108 लगाई गई है, जो अधिकतम 10 साल की सजा देती है. अमनीत ने ये भी कहा कि उनके पति के पॉकेट और लैपटॉप बैग से मिला 'फाइनल नोट' (7 अक्टूबर 2025 का) उन्हें नहीं दिया गया. "मुझे सुसाइड नोट की कॉपी नहीं मिली, ताकि FIR में बताए गए वर्जन से तुलना कर सकूं. दोनों 'फाइनल नोट्स' की सर्टिफाइड कॉपी तुरंत दें, रिकॉर्ड और जांच के लिए." अमनीत 2001 बैच की IAS हैं और हरियाणा सरकार में कमिश्नर व सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं.