नई दिल्ली: हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित नीमका जेल में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जेल प्रशासन ने गलत पहचान के कारण एक रेप के विचाराधीन कैदी को रिहा कर दिया, जबकि रिहा होने वाला दूसरा कैदी था, जिसका नाम भी उसी के जैसा था. यह गलती जेल के सिस्टम में बड़ी लापरवाही को दर्शाती है और लोगों में गुस्सा पैदा कर रही है. नितिश पांडे पटना बिहार का मूल निवासी बताया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि नितिश पांडे बिहार भाग गया है.
गलती कैसे हुई?
जेल में दो कैदी थे, दोनों का नाम नितेश था और दोनों के haryana neemka jail mistakeपिता का नाम रविंदर था. लेकिन इन दोनों के अपराध और स्थिति बिल्कुल अलग थीं. 27 साल का नितेश पांडे एक गंभीर अपराधी था, जिसे अक्टूबर 2021 में 9 साल के बच्चे के साथ रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था. दूसरी ओर, 24 साल का नितेश (जिसका कोई उपनाम दर्ज नहीं था) हाल ही में घर में घुसने और मारपीट के मामले में गिरफ्तार हुआ था. इस दूसरे नितेश को फरीदाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को जमानत दी थी, और उसे मंगलवार को रिहा किया जाना था.
लेकिन जेल अधिकारियों ने गलती से नितेश पांडे को रिहा कर दिया. दोनों कैदियों के नाम और पिता के नाम में समानता के बावजूद, जेल स्टाफ ने उनकी पहचान ठीक से जांच नहीं की. नितेश पांडे का उपनाम और उसके गंभीर अपराध को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके कारण यह बड़ी चूक हुई.
यह गलती क्यों है गंभीर?
यह घटना जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है. आमतौर पर कैदी को रिहा करने से पहले उसका पूरा नाम, केस की डिटेल्स और पहचान की पुष्टि की जाती है. लेकिन इस मामले में ये सभी प्रक्रियाएं नजरअंदाज कर दी गईं. एक रेप जैसे गंभीर अपराध के विचाराधीन को गलती से रिहा करना न केवल खतरनाक है, बल्कि यह जेल सिस्टम की कमजोरियों को भी उजागर करता है. इस घटना ने लोगों में डर और गुस्सा पैदा किया है, क्योंकि अगर ऐसी गलतियां हो सकती हैं, तो भविष्य में और भी बड़े खतरे हो सकते हैं.
अधिकारियों ने क्या कहा?
नीमका जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट विक्रम सिंह ने बताया कि उन्होंने नितेश पांडे के खिलाफ सादर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है. उनका कहना है कि नितेश पांडे ने अपनी पहचान छिपाकर गलत तरीके से रिहाई हासिल की. वहीं, सादर पुलिस स्टेशन के एसएचओ उमेश कुमार ने कहा कि नितेश पांडे को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है और उसे जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा.
लोगों में क्यों है गुस्सा?
इस घटना ने आम लोगों और विशेषज्ञों में गुस्सा पैदा किया है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर जेल प्रशासन इतने गंभीर मामले में लापरवाही बरत सकता है, तो सिस्टम कितना भरोसेमंद है? इस घटना ने हरियाणा की जेल प्रबंधन प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की गहन जांच हो और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए.