नई दिल्ली: पुरुष प्रजनन क्षमता (fertility) के लिए स्पर्म काउंट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह गर्भधारण की संभावना को सीधे प्रभावित करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सामान्य स्पर्म काउंट 15 मिलियन से 200 मिलियन प्रति मिलीलीटर सीमेन होता है. कम स्पर्म काउंट (ओलिगोस्पर्मिया) गर्भधारण में कठिनाई पैदा कर सकता है, क्योंकि अंडे तक पहुंचने और निषेचन (fertilization) के लिए पर्याप्त स्वस्थ स्पर्म की जरूरत होती है.
स्पर्म काउंट के साथ-साथ उनकी गतिशीलता (motility) और आकार (morphology) भी महत्वपूर्ण हैं. कम काउंट के बावजूद, यदि स्पर्म स्वस्थ और सक्रिय हैं, तो प्रजनन संभव हो सकता है. साथ ही कम स्पर्म काउंट हार्मोनल असंतुलन, वृषण की समस्याओं, तनाव, या जीवनशैली की समस्याओं (जैसे धूम्रपान, मोटापा) का संकेत हो सकता है. यह समग्र स्वास्थ्य का भी दर्पण माना जाता है.
कम स्पर्म काउंट पुरुषों में तनाव, चिंता या आत्मविश्वास की कमी पैदा कर सकता है, जो रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह प्रजनन का एकमात्र कारक नहीं है. यदि गर्भधारण में समस्या हो, तो पुरुष और महिला दोनों की जांच जरूरी है. कम काउंट की स्थिति में डॉक्टर से सलाह और उपचार (जैसे जीवनशैली में बदलाव, दवाएं, या IVF) से समाधान संभव है. इस रिपोर्ट के माध्यम से कुछ घरेलू उपायों पर चर्चा करेंगे, जिसे अपना कर स्पर्म काउंट का बढ़ाया जा सकता है...