नई दिल्ली: HMPV यानि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस.. ये अपने नाम से ही बता रहा है ये इंसान के शरीर पर कैसे प्रहार करेगा. कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता था. लेकिन HMPV एकदम नया है. लेकिन ये भी फेफड़ों पर ही हमला बोलता है. निमोनिया के शिकार बच्चे या बुढ़ों के लिए बेहद ख़तरनाक. फैसले का तरीका एकदम कोराना जैसा है. किसी से हाथ मिलाना, किसी के खांसने या छींकने से ये वायरल आप तक पहुंच सकता है. यानि लॉकडाउन के पहले मास्क लगाने की प्रक्रिया पर सरकार कभी भी आदेश सुना सकती है. भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचने का आदेश आ सकता है.
भारत की आबादी का 40 फीसदी हिस्सा महाकुंभ में पहुंचेगा, अगर ये वायरस ख़तरनाक है तो फिर योगी की चुनौती बढ़ने वाली है. साल 2019 में चीन में कोराना फैल रहा था. WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन सरकार से वुहान में निमोनिया की बढ़ती बीमारी को लेकर पूछा क्या ये सामान्य है, चीन ने बात छिपाई. अगले ही डेढ़ महीने में दुनिया ने देखा वो वायरस कोरोना था. चीन HMPV वायरस पर भी दुनिया से झूठ बोल रहा है. दिसंबर 2024 से ही चीन में अचानक 14 साल से कम बच्चों में वायरस पाया गया. दुनिया भर में फैल रही नई बीमारी से तनाव देखा जा सकता है.
भारत सरकार भी अलर्ट है. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा AIIMS के सीनियर डॉक्टरों के संपर्क में हैं. हालांकि भारत में मामले ठीक उसी रफ्तार में बढ़ रहे हैं जैसे कोविड के दौरान हुआ था. ये बीमारी ठंड के मौसम में शुरू होती है, और गर्मी आते-आते चरम पर पहुंच जाती है. इसलिए महाकुंभ तक शायद ये वायरस इतनी तेज़ी से अपने पैर ना पसार पाए, लेकिन एक ख़तरा है जो अभी टला नहीं है. चीन के साथ दुनिया भर के यात्रि फ्लाइट के ज़रिए भारत आ रहे हैं. इसका मतलब है कि ख़तरा बढ़ सकता है.
दुनिया भर के विशेषज्ञों का दावा है कि चीन सरकार कुछ छिपा रही है, कुछ दावा करते हैं कि ये लैब में किसी प्रयोग के दौरान पैदा हुई स्थिति है, यानि बॉयोलॉजिकल प्लानिंग का हिस्सा हो सकता है. हालांकि इस बात को दाखिल करती है जेपी नड्डा की ये बात...वो दावा करते हैं कि ये वायरस नया नहीं है, यानि चीन की पैथोलॉजी में कुछ गड़बड़ नहीं है. क्योंकि ये वायरस साल 2001 में पहली बार मिला.
विशेषज्ञों ने ये कहा है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है. 2001 में इसकी पहली बार पहचान हुई थी. इसके बाद ये दुनिया में फैला. ये सांस लेने से फैलता है, हवा के माध्यम से फैलता है. ये सभी ऐज ग्रुप के लोगों पर असर करता है. WHO हालात पर नजर बनाए हुए है और हमसे जल्द ही रिपोर्ट शेयर की जाएगी. यानि अभी भारत सरकार या WHO के पास भी कोई ख़ास जानकारी नहीं है. हवा-हवाई न्यूज़ के कारण गलतफहमी बढ़ रही है.
सावधानी ज़रूरी है, लेकिन सच भी जानना ज़रूरी है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये कोविड जैसा जानलेवा नहीं होगा. क्योंकि उस कोविड का नाम कोई नहीं जानता था....हालांकि वैक्सीन तो MHPV की भी नहीं है, लेकिन इसकी पहचान साल 2001 में ही की गई थी यानि. अभी इस वायरस की वजह से भारत में कहीं मौत की ख़बर नहीं है. इसका रंग-रूप कैसा है, कितना ख़तरनाक हो सकता है, इसकी जानकारी डॉक्टरों के पास भी अभी पूरी नहीं है, सरकार को इंतज़ार है, WHO की रिपोर्ट की. ज्यादा सटीक और सच्ची ख़बरों के लिए आप GLOBAL BHARAT TV...चैनल को सब्सक्राइब कीजिए.