कर्मचारी भविष्य निधि, पीएफ (Provident Fund) एक प्रकार का बचत योजना है, जिसे सरकार द्वारा कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए लागू किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी नौकरी के दौरान एक संगठित बचत योजना के तहत भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. भारत में, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF- Employees' Provident Fund) एक प्रमुख पीएफ योजना है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित किया जाता है.
पीएफ की विशेषताएं...
- नियोजित बचत योजना: पीएफ योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों कर्मचारी के वेतन का एक निश्चित हिस्सा (वर्तमान में 12% प्रत्येक) पीएफ खाते में जमा करते हैं. यह राशि कर्मचारी के वेतन से हर महीने काटी जाती है और उनके भविष्य के लिए बचत के रूप में जमा की जाती है.
- संगठित योगदान: पीएफ योगदान का एक हिस्सा भविष्य निधि में जाता है और दूसरा हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में डाला जाता है.
- ब्याज दर: पीएफ खातों पर सरकार द्वारा हर साल ब्याज दर तय की जाती है. यह ब्याज दर पीएफ खाते में जमा राशि पर समय के साथ जमा होती रहती है, जिससे आपकी बचत बढ़ती है.
- निकासी पर कर छूट: यदि कर्मचारी 5 साल या उससे अधिक समय तक पीएफ में योगदान करता है, तो निकाली गई राशि कर-मुक्त होती है. हालांकि, 5 साल से पहले निकासी पर टैक्स लगाया जा सकता है.
आंशिक निकासी: विशेष परिस्थितियों जैसे विवाह, चिकित्सा आपातकाल, शिक्षा, या घर खरीदने के लिए पीएफ खाते से आंशिक निकासी की जा सकती है. इसके लिए कुछ शर्तें और सीमाएं होती हैं.
- नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर: यदि कोई कर्मचारी अपनी नौकरी बदलता है, तो वह अपने पीएफ खाते को नए नियोक्ता के साथ ट्रांसफर कर सकता है. यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन भी की जा सकती है, और इसके लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का उपयोग होता है.
पीएफ ये होते हैं लाभ...
- भविष्य के लिए सुरक्षित बचत: यह योजना कर्मचारियों को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, खासकर रिटायरमेंट के बाद.
- सरकारी गारंटी: पीएफ सरकार द्वारा संचालित एक योजना है, इसलिए इसमें निवेश की सुरक्षा अधिक होती है.
- बीमा कवर: कुछ पीएफ योजनाओं में नियोक्ता कर्मचारी को कुछ बीमा कवर भी प्रदान करते हैं, जो कर्मचारी की असमय मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
- ऑनलाइन सुविधा: अब पीएफ खाताधारक अपने खाते को ऑनलाइन देख सकते हैं, बैलेंस जांच सकते हैं, और आवश्यकताओं के अनुसार निकासी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
पीएफ खाता कैसे काम करता है...
- कर्मचारी योगदान: कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते (DA) का 12% हिस्सा पीएफ खाते में योगदान करता है.
- नियोक्ता योगदान: नियोक्ता भी कर्मचारी के वेतन का 12% पीएफ में योगदान करता है, जिसमें से कुछ हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है.
- ब्याज अर्जन: पीएफ खाते में जमा राशि पर सरकार द्वारा घोषित वार्षिक ब्याज मिलता है.
पीएफ निकासी के प्रकार
- पूर्ण निकासी: जब कर्मचारी रिटायर हो जाता है या नौकरी छोड़ देता है और दो महीने तक बेरोज़गार रहता है.
- आंशिक निकासी: चिकित्सा, विवाह, घर खरीदने या शिक्षा जैसे विशेष कारणों के लिए आंशिक निकासी की अनुमति होती है.
- पेंशन योजना: कर्मचारी 10 साल या उससे अधिक तक काम करता है तो उसे सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन भी मिलती है.
कर्मचारी भविष्य निधि से जुड़ने के बाद कर्मचारी को EPFO के द्वारा UAN का प्रावधान किया गया है. यह नंबर हर कर्मचारी को एक विशिष्ट पहचान संख्या देता है. इससे कर्मचारी को अपने पीएफ खाते की जानकारी प्राप्त करना और इसे ट्रैक करना आसान होता है, चाहे वह किसी भी नियोक्ता के साथ काम कर रहा हो. बता दें कि पीएफ एक दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा योजना है, जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद या आपातकालीन परिस्थितियों में वित्तीय मदद प्रदान करती है. यह एक अनिवार्य योजना है, खासकर संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए, जो उनकी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होती है.
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