नई दिल्ली: भूकंप से जूझ रहे म्यांमार और थाईलैंड में मदद पहुंचाने के लिए हिंदुस्तान ने ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है. मदद के तौर पर भारत सरकार की तरफ से हजारों टन रहात सामग्रियां पहुंचाई जा रही है. इसी बीच मिशन के दौरान ही एक चौंकाने वाली घटना देखने को मिली. जानकारी मिली है कि भारतीय वायुसेना (IAF) का एक विमान, जब राहत सामग्री लेकर म्यांमार जा रहा था. इस दौरान उसे हवा में ही साइबर हमले का शिकार होना पड़ा.
हालांकि, वायुसेना के जांबाज पायलटों ने सूझबूझ दिखाई और साइबर हमले को निष्क्रिय किया. इतना ही नहीं जांबाजों ने मिशन को भी सफलतापूर्व अंजाम तक पहुंचाया. खबर बाहर आने के बाद हर कोई सेना के जांबाजों को सलाम कर रहा है. जानकारी मिली है कि जब विमान हवा में था तो, उसके सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम पर GPS 'स्पूफिंग' तकनीक से हमला किया गया. बता दें कि स्पूफिंग एक ऐसा साइबर हमला, जिसका इस्तेमाव विमानों को भटकाने के लिए किया जाता है. यानी विमान के निविगेशन सिस्टम को गलत लोकेशन दिखाया जाता है, जिससे वह भटक जाता है.
सूत्रों ने दावा किया कि म्यांमार के हवाई क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के विमान के साथ इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया, लेकिन विमान के पायलट ने सूझबूझ दिखाई और GPS की बजाय इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) को एक्टिव किया और सुरक्षित मार्ग अपना कर मिशन को पूर्ण किया. बता दें कि इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (Inertial Navigation System - INS) एक स्वायत्त नेविगेशन तकनीक है, जो बिना किसी बाहरी संदर्भ (जैसे GPS) के किसी वस्तु की स्थिति, दिशा और गति को ट्रैक करने के लिए उपयोग की जाती है.
यह सिस्टम एक्सेलेरोमीटर (Accelerometers), जायरोस्कोप (Gyroscopes) और एक कंप्यूटर का उपयोग करता है, जो गति और घूर्णन को मापकर वस्तु की वर्तमान स्थिति की गणना करता है. इसी सिस्टम का इस्तेमाल कर पायलटों ने विमान को सही दिशा में उड़ाया. रक्षा विशेषज्ञ दावा करते हैं कि म्यांमार के आस-पास का क्षेत्र चीन की सैन्य और तकनीकी मौजदगी के कारण काफी संवेदनशील है. ऐसे में यह संभव है कि भारतीय विमान पर चीन साइबर हमला कर सकता है. हालांकि इसमें अभी चीन की भूमिका का प्रमाण नहीं मिला है.