नई दिल्ली: मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि बैरन द्वीप, भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी पर इस महीने दो बार मामूली ज्वालामुखीय गतिविधि दर्ज की गई है. ये विस्फोट 13 सितंबर और 20 सितंबर को हुए, लेकिन इन्हें हल्के प्रकार का बताया गया है, जिसमें आसपास के क्षेत्रों को कोई तत्काल खतरा नहीं है.
अंडमान सागर में स्थित, पोर्ट ब्लेयर के उत्तर-पूर्व में लगभग 138 किलोमीटर दूर, बैरन द्वीप दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है. यह दुर्गम द्वीप लगभग 3 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो मुख्य रूप से ज्वालामुखीय शंकाओं और राख से ढका रहता है, दूर से कुछ विरल वनस्पति दिखाई देती है.
समुद्र तल से 354 मीटर ऊंचा उठा यह द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का एक प्रमुख भूवैज्ञानिक आकर्षण है. बैरन द्वीप का विस्फोटों का इतिहास 1787 से दर्ज है. उसके बाद से यह कई बार सक्रिय हुआ है, जिसमें 2017 और 2022 में बड़े विस्फोट शामिल हैं.
सबसे हालिया इसी साल जुलाई में यह ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गया है. अधिकारी द्वीप की बारीकी से निगरानी जारी रखे हुए हैं. हालांकि हाल की घटनाओं को मामूली करार दिया गया है और ये मानव बस्तियों के लिए कोई तत्काल जोखिम पैदा नहीं करतीं.