नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक चौकी प्रभारी की दबंगई भरी हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि अधिकारी दुर्गा पूजा समिति के प्रमुख को जोरदार थप्पड़ मार रहे हैं और अपशब्दों की बौछार कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने प्रतिमा स्थापना के लिए तैयार किए गए अस्थायी स्थल को भी तोड़-फोड़ दिया. इस घटना से गुस्साए समिति सदस्यों ने कड़ी नाराजगी जताई है.
साहेब,मुख्यमंत्री के गृह जिले में क्या दुर्गा पंडाल नहीं सजेंगे,पीड़ित तो यही बोल रहा है और दरोगा जी वर्दी के गुमान में हैं...@dgpup @diggorakhpur @adgzonegkr @Uppolice @ pic.twitter.com/7FqiJqUYBs
— शुभम Singh (شوبھم) (@Shubhamgkp444) September 19, 2025
उनका कहना है कि यह पंडाल पिछले 18 वर्षों से बिना किसी अड़चन के लगाया जा रहा है, जो हिंदू समुदाय की आस्था का प्रतीक है. उन्होंने मांग की है कि आरोपी अधिकारी न केवल सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, बल्कि उन्हें तुरंत नौकरी से हटा भी दिया जाए. बात सिंघड़िया क्षेत्र की है, जहां श्री-श्री दुर्गा पूजा युवा गोल्डन छात्र समिति हर साल नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की मूर्ति के लिए अस्थायी मंडप तैयार करती है.
शुक्रवार रात करीब 1 बजे कैंट थाना के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी के प्रभारी नवीन कुमार राय वहां पहुंचे. बिना किसी पूर्व सूचना के उन्होंने सिंघड़िया चौराहे के निकट बने पंडाल को नुकसान पहुंचा दिया. इस दौरान पंडाल तोड़ने को लेकर समिति प्रमुख नीतीश के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हो गई. बहस के चरम पर पहुंचते ही चौकी प्रभारी ने नीतीश को थप्पड़ जड़ दिया, गालियां बकीं और उनका मोबाइल फोन भी तोड़ डाला.
समिति के एक सदस्य अमरनाथ निषाद ने बताया कि लक्ष्मी पूजा, गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा के मौकों पर हमेशा से यही परंपरा चली आ रही है, और कभी कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन इस बार रात के इस पहर में चौकी प्रभारी ने अचानक धावा बोल दिया और सब कुछ बर्बाद कर दिया. अमरनाथ ने आगे कहा कि हमारा मंडप सड़क के बीचोंबीच कभी नहीं फैला; कोई भी इच्छुक व्यक्ति आकर खुद देख सकता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि नवीन कुमार राय को माफी मांगनी ही चाहिए, और योगी सरकार को उन्हें विभाग से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.यह मामला अब तेजी से वायरल हो रहा है, और स्थानीय स्तर पर लोगों में आक्रोश फैल रहा है. पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन वीडियो के फैलाव से जांच की मांग तेज हो गई है.