नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल 24 नवंबर, 2024 को एक मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए बनी न्यायिक समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पन्नों की एक विस्तृत रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में हिंसा के कारणों, संभल में पहले हुए दंगों और वहां की आबादी में आए बदलावों का जिक्र है.
रिपोर्ट के अनुसार, संभल में पहले 45% हिंदू आबादी थी, जो अब घटकर लगभग 15-20% रह गई है. वहीं, मुस्लिम आबादी बढ़कर करीब 85% हो गई है. आजादी के बाद से संभल में 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001 और 2019 में कुल 15 दंगे हो चुके हैं.
इन दंगों और कुछ राजनीतिक नीतियों के कारण क्षेत्र की जनसांख्यिकी में बड़ा बदलाव आया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि संभल में अलकायदा और हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां देखी गई हैं. अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित मौलाना आसिम उर्फ सना उल हक का भी संभल से संबंध था. इसके अलावा, जिले में अवैध हथियार और नशीले पदार्थों से जुड़े गिरोह भी सक्रिय रहे हैं.
हालांकि, अब इन पर कार्रवाई की जा रही है और इलाके में शांति बनाए रखने के प्रयास हो रहे हैं. जांच के लिए बनी समिति में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एके जैन और अमित प्रसाद शामिल थे.