CJI गवई पर जूता फेंकने वाले वकील को बार से निकाला, सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश भी बंद

Amanat Ansari 09 Oct 2025 11:49: AM 2 Mins
CJI गवई पर जूता फेंकने वाले वकील को बार से निकाला, सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश भी बंद

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर को तुरंत प्रभाव से बाहर कर दिया है. साथ ही उनका एंट्री कार्ड रद्द कर दिया गया है और उन्हें सुप्रीम कोर्ट की इमारत में घुसने से रोक दिया गया है. यह चौंकाने वाली घटना सोमवार को हुई थी. 71 साल के इस सीनियर वकील को पुलिस ने तुरंत पकड़ लिया और कोर्ट रूम से बाहर ले गई.

बाहर जाते वक्त किशोर चिल्लाया, "भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा." आज जारी सस्पेंशन नोटिस में बार एसोसिएशन ने कहा, "ऐसा घिनौना, बेकाबू और गुस्सैल व्यवहार कोर्ट के अधिकारी के लिए बिल्कुल अनुचित है. यह प्रोफेशनल एथिक्स, कोर्ट की शालीनता और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है." एससीबीए ने आगे कहा कि किशोर का यह हमला "न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है और कोर्ट की कार्यवाही की पवित्रता पर ठेस पहुंचाता है."

इस हफ्ते की शुरुआत में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी उनकी लाइसेंस सस्पेंड कर दी थी और इसे "कानूनी भाईचारे पर दाग" बताया था. यह हमला लगभग एक महीने बाद हुआ, जब चीफ जस्टिस को मध्य प्रदेश में क्षतिग्रस्त विष्णु मूर्ति को बहाल करने से जुड़ी याचिका सुनते हुए उनके विवादास्पद बयान "देवता से खुद जाकर पूछ लो" पर काफी आलोचना हुई थी.

मीडिया से बातचीत में किशोर ने मंगलवार को उस याचिका का जिक्र करते हुए कहा, "16 सितंबर को सीजेआई के कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल हुई. सीजेआई ने इसका मजाक उड़ाया और कहा - जाकर मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे खुद अपना सिर बहाल करने को कहो... जब सनातन धर्म से जुड़ा मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश देता है." अपने काम पर कोई पछतावा न होने की बात करते हुए किशोर ने कहा, "याचिकाकर्ता को राहत न दो, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाओ. मुझे दुख हुआ. मैं नशे में नहीं था. यह चीफ जस्टिस के व्यवहार पर मेरी प्रतिक्रिया थी. मुझे डर नहीं लगता."

हमले के बाद सीजेआई गवई शांत रहे और सुनवाई जारी रखी. उन्होंने कोर्ट स्टाफ और सिक्योरिटी को "इसे नजरअंदाज कर दो" कहकर 71 साल के वकील को चेतावनी देकर छोड़ने को कहा." चीफ जस्टिस ने कहा, इस सब से विचलित न हो. ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं. सुनवाई जारी रखो." घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चीफ जस्टिस गवई से बात की. उन्होंने हमले को "निंदनीय" बताया और कहा कि यह "हर भारतीय को गुस्सा दिलाने वाला" है.

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