कौन थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार जिनका किस्सा भावुक कर देगा सुनिए आखिरी एनकाउंटर की कहानी कौन थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार, जिनकी मौत पर मायूस होंगे STF हेड अमिताभ यश
किसान का बेटा बना ऐसा जवान, मायावती को देना पड़ा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन! नाम से कांपते थे माफिया, आखिरी एनकाउंटर में किया ऐसा काम, दुनिया रखेगी याद!
मेरठ पुलिस ने एक ऐसे जाबांज इंस्पेक्टर को खोया है... जिसकी जिंदगी किसी फिल्मी कहनी से कम नहीं रही... किसान के बेटे ने जब खाकी पहनी तो दुनिया देखती रह गई... सिपाही से भर्ती होकर भी अपना लोहा पूरे पुलिस विभाग को मनवा दिया... जिन अपराधियों से आम लोगों से लेकर पुलिस तक कांपती थी उनको चुन-चुन कर ठोका... ऐसे थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार... क्योंकि अब सुनील कुमार एनकाउंटर में घायल होने के बाद जिंदगी की आखरी जंग हार चुके हैं... सुनील कुमार का जन्म मेरठ के इंचौली में आने वाले गांव मसूरी में हुआ था... उनके पिता चरण सिंह एक किसान थे... कुछ समय पहले उनका निधन हो चुका है.. बड़े भाई अनिल गांव में खेती करते हैं... परिवार में पत्नी मुनेश, बेटा मोनू, और बेटी नेहा हैं... दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है... सुनील कुमार पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे...
1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे.
स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया.
1 जनवरी, 2009 को सुनील ने STF जॉइन किया. 16 साल से वह STF में ही थे.
सुनील कुमार 7 अगस्त, 2002 को हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट हुए.
शुरू से जाबांज जवान रहे सुनील कुमार जब STF में पहुंचे तो उन्होंने ऐसी जाबांजी दिखाई की कभी इस टीम से बाहर ही नहीं हुए... लगातार एक के बाद एक कारनामा करते देख अधिकारियों की पसंद के पुलिसकर्मी बन चुके थे... इस दौरान सुनील ने ऐसे कई कुख्यातों का एनकाउंटर किया जो खौफ का पर्याय बन चुके थे...
2008 में 5 लाख के इनामी बदमाश अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया और 50 हजार के इनामी उमर केवट को पुलिस मुठभेड़ के दौरान मार गिराया.
2012-13 में मेरठ यूनिट में रहते हुए 1-1 लाख के इनामी सुशील उर्फ मूंछ, बदन सिंह उर्फ बद्दो और भूपेंद्र बाफर को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
24 जून, 2019 को सवा लाख रुपए के इनामी अपराधी आदेश बालियान निवासी भौरा कलां को मुठभेड़ में ढेर किया.
04 मई, 2023 को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में एसटीएफ टीम के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को मार गिराया.
14 दिसंबर, 2024 को मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र में हाशिम बाबा गैंग के शूटर अनिल उर्फ सोनू उर्फ मटका को मार गिराया, इस मुठभेड़ में भी सुनील कुमार का खास योगदान रहा.
बड़े-बड़े अपराधी सुनील कुमार के नाम से भी कांपते थे. जब इन्होंने लगातार खाकी का खौफ गुंडों में पैदा किया तो यूपी की सरकार तक सुनील कुमार का नाम पहुंच चुका था... और इसी बहादुरी का इनाम इन्हें 2008 में मिली भी....
सुनील कुमार 2008 में ठोकिया का एनकाउंटर करने के बाद से ही अमिताभ यश जैसे दिग्गज अधिकारियों की नजरों में आ चुके थे. लगातार अच्छा काम करने की वजह से मायावती सरकार में उन्हें इनाम भी मिला. 16 सितंबर 2011 को आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से PAC में प्लाटून कमांडर बना दिया गया. जिसके बाद सुनिल कुमार 22 अप्रैल 2020 को दलनायक के पद पर तैनात हुए थे.
लेकिन उनकी जाबांजी ही कहीं ना कहीं जान की दुश्मन भी बन चुकी थी... क्योंकि जब सोमवार पुलिस को जानकारी मिली कि गैंग्सटर अरशद रात में निकलने वाला है तो वो बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के ही अपराधियों के पीछे निकल गए... और इसी मुठभेड़ में दो गोलियां सुनील कुमार के पेट में लगी थीं... इलाज के लिए सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई. डॉक्टरों ने कहा-
गोली से लिवर, गाल ब्लेडर और पेट में खून की बड़ी नस (IVC) में चोटें बहुत गंभीर थीं. लिवर डैमेज हो गया था. ब्लड प्रेशर भी ऊपर-नीचे हो रहा था. आखिरकार 36 घंटे जिंदगी-मौत से लड़ने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अंतिम सांस ली. सुनील कुमार की उम्र 54 साल हो चुकी थी... 2030 में उनका रिटायरमेंट होना था... लेकिन शायद नियति को ये मंजूर ही नहीं था... कि पुलिस का हीरो बिना वर्दी के कभी रहे... लेकिन सुनील कुमार के योगदान और बहादुरी को हमेशा ही याद रखा जाएगा...