नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल के हंगामे के बावजूद मौलाना तौकीर रजा खान ने अपनी चुप्पी तोड़ी और देर रात एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर मुसलमानों के प्रति दुश्मनी का आरोप लगाया. उनके अनुसार, यह पूरा बवाल एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था, जिसका मकसद समुदाय को बांटना था. मौलाना ने अपने अनुयायियों को इस जज्बे के लिए बधाई दी और जोर देकर कहा कि पैगंबर के सम्मान में वे सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हैं.
उन्होंने खुलासा किया कि इस बार उन्होंने खतरे को भांपते हुए पहले ही अपना घर छोड़ दिया था, लेकिन बरेली के मुसलमान चुपचाप सहन करने वालों में से नहीं हैं. वे अपने नबी की याद में जान देने को तत्पर हैं. शुक्रवार को मौलाना ने इस्लामिया इंटर कॉलेज में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टरों का समर्थन करने के लिए जुलूस निकालने का ऐलान किया था, मगर स्थानीय पुलिस की सख्ती देखकर उन्होंने आखिरी पल में इसे स्थगित कर दिया और वैकल्पिक योजना बताई कि अब वे डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को शिकायत पत्र भेजेंगे.
फिर भी, उत्साही भीड़ ने उनकी बात नहीं मानी और मैदान पर उतरने के चक्कर में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इससे पहले एक वीडियो संदेश में मौलाना ने स्पष्ट किया था कि उनका फैसला पक्का है. जुमे की नमाज नौमहला मस्जिद में अदा करेंगे, उसके बाद शांति और जिम्मेदारी से अपनी समस्याओं को राष्ट्रपति तक पहुंचाएंगे. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर जिला प्रशासन लोगों को रोकेगा या कोई दुर्व्यवहार करेगा, तो इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी खुद प्रशासन पर होगी. यह घटनाक्रम पूरे इलाके में तनाव को और बढ़ाने वाला साबित हो रहा है.