जम्मू-कश्मीर के डोडा में मुठभेड़ स्थल से एक सैन्य अधिकारी सहित 4 जवानों के शहीद होने की खबर आने के कुछ घंटों बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि किसी को भी जवाबदेह नहीं ठहराया जा रहा है, उन्होंने कहा कि अब तक तो आतंकियों के सिर कट जाने चाहिए थे. "कोई जवाबदेही नहीं है और डीजीपी को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पिछले 32 महीनों में लगभग 50 जवानों ने अपनी जान गंवाई है फिर भ किसी को भी जवाबदेह नहीं ठहराया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में व्यस्त हैं.
महबूबा मुफ्ती ने डीजीपी पर साधा निशाना
मुफ्ती ने कहा कि डीजीपी काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों और पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना रह गया है. वे अधिकतम लोगों पर यूएपीए लगाने के तरीके खोज रहे हैं. मौलवियों को ब्लैकमेल किया जा रहा है. हमें यहां किसी फिक्सर की जरूरत नहीं है, हमें एक डीजीपी की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर में पहले भी दूसरे राज्यों से डीजीपी आए हैं और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. किसी ने भी सांप्रदायिक आधार पर काम नहीं किया है, लेकिन अब किया जा रहा है.
डोडा में 1 अधिकारी समेत 4 जवान हुए शहीद
बता दें कि सोमवार शाम को देसा वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. जवाबी कार्रवाई में शहीद हुए जवानों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में हुई है. इससे पहले, भारतीय सेना ने डोडा मुठभेड़ में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है.
सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री राजनाथ से की बात
जनरल उपेंद्र द्विवेदी सीओएएस और भारतीय सेना के सभी रैंक के बहादुरों, कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए डोडा में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. भारतीय सेना इस दुख की घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ी है. इस बीच, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और उन्हें डोडा में मुठभेड़ की जानकारी दी.