महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन भारी भीड़ का केंद्र होगा. इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे और प्रशासन ने सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के निर्देशन में रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया. यह मॉक ड्रिल इतनी वास्तविक लगी कि कुछ देर के लिए ऐसा लगा, मानो सच में आग लग गई हो.
इस अभ्यास में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF), गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP), रैपिड एक्शन टीम और क्विक रेस्पांस टीम ने हिस्सा लिया. मॉक ड्रिल के दौरान, यात्रियों को शेल्टर नंबर चार से प्लेटफॉर्म नंबर दो तक ले जाया गया. इसी दौरान, प्लेटफॉर्म नंबर दो पर भगदड़ मचने की स्थिति बनाई गई, जिसमें दस यात्रियों के घायल होने का नाट्य रूपांतरण हुआ.
जैसे ही यह सूचना रेलवे के नियंत्रण कक्ष को मिली, तुरंत सभी टीमें सक्रिय हो गईं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया. सुरक्षा गार्ड्स ने प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित किया और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा. घायल यात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उन्हें तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.

पुलिस महानिदेशक ने किया सुरक्षा प्रबंधों का निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने इसी बीच शनिवार को प्रयागराज का दौरा किया. उन्होंने महाकुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया. डीजीपी ने सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन का अचानक निरीक्षण किया और वहां की तैयारियों को देखा. इसके बाद, उन्होंने किले घाट और संगम क्षेत्र का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया.
डीजीपी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने मोटरबोट और जल पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश दिया. इसके अलावा, डीजीपी ने मेले क्षेत्र में अस्थाई एसएसपी कार्यालय का उद्घाटन किया और वहां की तैयारियों को बारीकी से देखा.
सीसीटीवी और आधुनिक तकनीक से निगरानी
गौरतलब हो महाकुंभ क्षेत्र में हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे मेले की 24 घंटे निगरानी हो रही है. प्रशासन ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को सुनिश्चित किया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि इस महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ लोगों के स्नान और सुरक्षित आवागमन की जिम्मेदारी प्रशासन ने संभाली है. हर संभव सुरक्षा और सुविधा प्रदान की जा रही है. उन्होंने एटीएस जवानों द्वारा संगम क्षेत्र में किए गए मॉक ड्रिल की सराहना की और कहा कि यह सभी विभागों के समर्पण और सतर्कता का उदाहरण है.

सरकार की प्रशंसा योग्य तैयारी
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की तैयारियां सराहनीय हैं. करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित बल, और समर्पित अधिकारियों की तैनाती की गई है. यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालु न केवल सुरक्षित रहें, बल्कि उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं. सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं के विश्वास को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि महाकुंभ जैसे आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. श्रद्धालुओं के लिए यह एक यादगार और सुरक्षित अनुभव होगा.