न्यूजीलैंड की MP ने संसद में दिखाई अपनी AI-जनरेटेड न्यूड फोटो, डीपफेक कानून की मांग

Amanat Ansari 04 Jun 2025 10:24: PM 3 Mins
न्यूजीलैंड की MP ने संसद में दिखाई अपनी AI-जनरेटेड न्यूड फोटो, डीपफेक कानून की मांग

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड की एक सांसद, लॉरा मैकक्लर ने पिछले महीने संसद में अपनी एक AI-जनरेटेड न्यूड फोटो दिखाकर सबको चौंका दिया. उनका मकसद था यह दिखाना कि डीपफेक तकनीक का दुरुपयोग कितना आसान है और यह लोगों, खासकर युवाओं और महिलाओं, के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है. यह घटना 14 मई 2025 को संसद में एक बहस के दौरान हुई, जब लॉरा ने यह फोटो दिखाई, जिसे उन्होंने खुद कुछ ही मिनटों में एक वेबसाइट के जरिए बनाया था. यह फोटो असली नहीं थी, बल्कि AI की मदद से बनाई गई थी. लॉरा, जो ACT पार्टी की सदस्य हैं, ने इस कदम से डीपफेक से होने वाले नुकसान के खिलाफ नए कानून बनाने की मांग को बल दिया.

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लॉरा ने संसद में कहा, "यह मेरी न्यूड तस्वीर है, लेकिन यह असली नहीं है. मुझे इस तरह की डीपफेक तस्वीरें बनाने में सिर्फ पांच मिनट लगे." बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में बताया कि उनका उद्देश्य संसद के अन्य सदस्यों का ध्यान इस ओर खींचना था कि डीपफेक बनाना कितना आसान है और यह खासकर युवा न्यूजीलैंडवासियों, विशेष रूप से युवा महिलाओं, के लिए कितना हानिकारक हो सकता है. उन्होंने कहा कि समस्या तकनीक में नहीं, बल्कि इसके गलत इस्तेमाल में है, जो लोगों को नुकसान पहुँचाने के लिए किया जा रहा है.

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न्यूजीलैंड में वर्तमान में डीपफेक को सीधे तौर पर नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है. हालांकि, हानिकारक डिजिटल संचार से संबंधित कुछ नियम मौजूद हैं, लेकिन ये डीपफेक जैसे आधुनिक खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. लॉरा ने बताया कि उन्हें यह फोटो दिखाने में डर लगा, लेकिन यह जरूरी था ताकि लोग इस समस्या की गंभीरता को समझें. न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादातर डीपफेक पोर्न बिना सहमति के बनाए जाते हैं और इनका निशाना लगभग हमेशा महिलाएं होती हैं.

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लॉरा अब "डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल" नामक एक नए प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं. यह बिल मौजूदा रिवेंज पोर्न और अंतरंग रिकॉर्डिंग से संबंधित कानूनों को अपडेट करेगा. इसके तहत बिना सहमति के डीपफेक बनाना या साझा करना अपराध होगा. साथ ही, यह पीड़ितों को ऐसी सामग्री हटाने और न्याय पाने के लिए स्पष्ट रास्ते प्रदान करेगा. लॉरा का मानना है कि यह कानून डीपफेक के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा और पीड़ितों को त्वरित सहायता मिलेगी.

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लॉरा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "कोई भी व्यक्ति डीपफेक पोर्न का निशाना नहीं बनना चाहिए, खासकर बिना उनकी सहमति के. यह पूरी तरह से उत्पीड़न है. हमारे कानून अभी इस समस्या से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं, और इसमें बदलाव की जरूरत है." उनकी इस पहल ने न्यूजीलैंड में डीपफेक से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाई है. यह तकनीक न केवल व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन करती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक नुकसान भी पहुँचाती है. खासकर युवा महिलाएँ इस तरह के दुरुपयोग का आसान निशाना बन रही हैं.

संसद में उठाया साहसिक कदम

लॉरा ने यह स्वीकार किया कि संसद में अपनी डीपफेक तस्वीर दिखाना उनके लिए डरावना था, लेकिन उन्होंने इसे जरूरी समझा. उनका कहना था कि अगर वह इस मुद्दे को इतने बड़े मंच पर नहीं उठातीं, तो शायद लोग इसकी गंभीरता को समझ ही नहीं पाते. उनकी इस हरकत ने न केवल न्यूजीलैंड बल्कि दुनिया भर में डीपफेक के खतरों पर चर्चा को बढ़ावा दिया है. कई लोग उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने डर को दरकिनार कर एक सामाजिक मुद्दे को उजागर किया.

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