No detention policy: कक्षा 5 और 8 में फेल छात्र अगली कक्षा में नहीं होंगे प्रमोट, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म हुई 'नो-डिटेंशन पॉलिसी'

Global Bharat 23 Dec 2024 05:20: PM 1 Mins
No detention policy: कक्षा 5 और 8 में फेल छात्र अगली कक्षा में नहीं होंगे प्रमोट, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म हुई 'नो-डिटेंशन पॉलिसी'

No detention policy ends: केंद्र सरकार ने सोमवार को 'नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) को खत्म कर दिया है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry of Education) के फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने यह निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं में प्रयास करने के बाद भी डिटेंशन की जरूरत पड़े तो उसी के बाद डिटेन किया जाए.

इसमें यह भी प्रावधान किया है आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्‍चों को निष्कासित नहीं किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि हर एक बच्चे के अंदर सीखने की इच्छा बढ़े और इसको प्रयास में लाने के लिए उन बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा, जो पढ़ाई में किसी कारणवश अच्छे नहीं है. इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा.

रूल में बदलाव आने के बाद यह संभव हो पाएगा और बच्चों में सीखने की लगन बढ़ेगी. 'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा. किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा. 

क्या है 'नो डिटेंशन पॉलिसी'?

नो डिटेंशन पॉलिसी एक शिक्षा नीति है जिसके तहत किसी भी छात्र को कक्षा 1 से 8 तक किसी भी कक्षा में रोका नहीं जा सकता है. इसका मतलब है कि अगर कोई छात्र किसी भी कक्षा में असफल हो जाता है, तो भी उसे अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा.

यह नीति शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाए और उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने का अवसर मिले.

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