नई दिल्ली: साल 1971 में 93 हजार पाकिस्तानी जवानों को सरेंडर करना पड़ा था, लेकिन इसके पीछे सेना के बिहार रेजिमेंट की कितनी बड़ी भूमिका थी. आज भी बिहार रेजिमेंट के जवानों की बहादुरी के किस्से सुन पाकिस्तान क्यों डर जाता है, ये शायद आप नहीं जानते होंगे. ये भी एक इत्तेफाक ही है कि बिहार रेजिमेंट ने तब ऑपरेशन नट क्रैकर चलाकर बांग्लादेश को अलग करवाया, और अब ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी भूमिका बिहार के रहने वाले अवधेश कुमार भारती की रही, जिन्होंने पूरा खाका तैयार किया. जबकि छपरा के रहने वाले शहीद इम्तियाज ने भी देश की रक्षा के खातिर अपनी जान गंवा दी, जिन्हें नीतीश सरकार 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी. लेकिन इनके अलावा बिहार के दो और लाल हैं, जिनका जिक्र कम हुआ, पर उन्होंने भी पाकिस्तान से जमकर लोहा लिया, जिनके बारे में पहले सुनिए फिर बताते हैं ऑपरेशन नट क्रैकर पार्ट-2 लॉन्च हुआ तो कैसे पाकिस्तान दुनिया के नक्शे से मिट सकता है.
इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई, झारखंड की रहने वाली पत्नी अंजलि का रो-रोकर बुरा हाल है, रामबाबू के पिता की दो साल पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि मां बीमार रहती हैं. पूरा परिवार भावुक है, पर शहादत पर गर्व भी कर रहा है, ठीक ऐसी ही कहानी नालंदा जिले के मनीष की भी है. जो करगिल में तैनात थे, ख़बर है दुश्मनों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन रक्षक के दौरान ये शहीद हो गए. इनकी भी शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी. इनके अलावा बिहार के एक और लाल सिकंदर के भी जान गंवाने की ख़बर है लेकिन सूत्र बताते हैं सिकंदर ने जंग के दौरान जान नहीं गंवाई बल्कि उन्होंने खुदकुशी की है. हालांकि अभी स्पष्टीकरण आना बाकी है, पर आप शायद ये जानकर दंग रह जाएं कि इंडियन आर्मी की प्रसिद्ध पैदल सेना जिसमें एक बिहार रेजिमेंट भी है, उसके जवानों ने साल 1971 में पाकिस्तान को जमकर धूल चटाई थी.
जैसे नटक्रैकर सिंड्रोम नाम की बीमारी बाईं किडनी पर असर डालती है, और आपकी जिंदगी तबाह होने लगती है, ठीक वैसे ही भारत के ऑपरेशन नटक्रैकर ने पाकिस्तान के दो हिस्से कर डाले. और अब ऑपरेशन नटक्रैकर पार्ट-2 लॉन्च हुआ तो सोचिए पाकिस्तान का क्या होगा, और जिस हिसाब से बयान आ रहे हैं, सेना ये कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, लगता है पाकिस्तान का कोई और तगड़ा इलाज होने वाला है, तभी तो भारतीय वायुसेना के सफल ऑपरेशन के बाद पीएम मोदी पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचते हैं, वहां मौजूद सेना के जवानों का हौसला बढ़ाते हैं, जिसमें अलग-अलग प्रदेश के कई जवान पीएम मोदी को शायरी भी सुनाते हैं.