नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मोहाल है. इस आतंकी हमले में शामिल गुनहगारों को भारत चुन चुन कर उनके किये की सजा दे रहा है तो वहीं पाकिस्तान अपनी हरकतों से अभी भी बाज नहीं आ रहा है. भारत पाकिस्तान के बिगड़ते संबंधों के बीच पाकिस्तानी हैकर्स अब भारतीय रक्षा वेबसाइटों को अपना निशाना बनाने पर आ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साइबर हमलों से रक्षाकर्मियों की गुप्त जानकारी खतरे में पड़ सकती है, जिसमें उनके लॉगिन क्रेडेंशियल भी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्स पर एक पाकिस्तानी हैंडल ने ये दावा किया है कि हैकर्स ने मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस से जुड़ी सारी गुप्त जानकारी तक पहुंच चुका है. सूत्रों ने कहा कि समूह ने रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र सभी प्लान, आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को भी बिगाड़ने का प्रयास किया है. इन सब को देखते हुए आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को ऑडिट के लिए पूरी तरह से ऑफ़लाइन किया गया है.
खबरों के मुताबिक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ किसी भी तरह के हमले का पता लगाने के लिए साइबरस्पेस की सावधानी से निगरानी कर रहे हैं. साथ ही आगे होने वाली किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए सभी तरह के उचित कदम उठाये जा रहे हैं. इस पूरे मामले की जानकारी तब मिली जब पाकिस्तानी साइबर फाॅर्स ने आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के एक वेबपेज की तस्वीरें पोस्ट की थीं, जहां एक भारतीय टैंक की तस्वीर को पाकिस्तानी टैंक से बदल दिया गया था. दूसरी पोस्ट में नामों की लिस्ट थी जो जाहिर तौर पर भारतीय रक्षा कर्मियों की थी, जिसमें एक संदेश था: "हैक किया गया. आपकी सुरक्षा सिर्फ एक भ्रम है. एमईएस डेटा कब्जे में है." हालांकि अब पाकिस्तान साइबर फोर्स हैंडल पर रोक लगा दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैंडल की तरफ से ये भी दावा किया गया था कि मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की वेबसाइट पर 1,600 यूजर्स के 10 जीबी से ज्यादा डेटा तक वो पहुंच चुका है. हालांकि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आगे किसी तरह की गड़बड़ी न हो इन सब से बचने के लिए सारे उचित कदम उठा रहे हैं.