PM नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की फिनटेक क्रांति वित्तीय समावेशन में सुधार के साथ-साथ नवाचार को भी बढ़ावा दे रही है. PM मोदी ने जानकारी दी है कि पिछले 10 वर्षों में देश के फिनटेक उद्योग को 31 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है और उद्योग में स्टार्टअप ने 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है. मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए PM मोदी ने देश के फिनटेक उद्योग के विकास पर प्रकाश डाला.
PM मोदी ने कहा कि एक समय था जब दुनिया भारत की सांस्कृतिक विविधता पर आश्चर्यचकित होती थी, लेकिन अब वे हमारी फिनटेक विविधता से चकित हैं. इस उत्सव के माहौल में, ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है, वह भी सपनों के शहर मुंबई में. PM भरोसा जताया कि हम अपने युवाओं के लिए एक नई दुनिया देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां विदेशों से भी बहुत से मेहमान आते हैं. एक समय था जब लोग हमारी संस्कृति को देखकर आश्चर्यचकित होते थे, अब वे भारत की फिनटेक विविधता को देखकर उतने ही आश्चर्यचकित हैं.
PM मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में फिनटेक क्षेत्र में 31 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है और फिनटेक स्टार्टअप उद्योग 500 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. उन्होंने इस वृद्धि का श्रेय सस्ते मोबाइल या सस्ते डेटा और जीरो बैलेंस जन धन खातों को दिया. भारत की तकनीकी क्रांति की सराहना करते हुए PM मोदी ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु का शायद ही कोई भारतीय हो जिसके पास कोई डिजिटल पहचान न हो.
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर आपको याद हो, तो पहले खुद को बुद्धिमान समझने वाले लोग संसद में पूछते थे कि भारतीयों के पास इतनी बैंक शाखाएं क्यों नहीं हैं, इंटरनेट कनेक्टिविटी अपर्याप्त है, बिजली अपर्याप्त है और फिनटेक क्रांति कैसे होगी, उन्होंने मुझसे, एक चायवाले PM से पूछा है. लेकिन आज देखिए क्या हुआ है, पिछले 10 वर्षों में भारत में ब्रॉडबैंड के उपयोगकर्ता 6 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ हो गए हैं.
पीएम मोदी ने जानकारी दी है कि आज, 18 वर्ष से अधिक आयु का शायद ही कोई भारतीय हो जो ब्रॉडबैंड का उपयोग न करता हो और जिसके पास कोई डिजिटल पहचान न हो. जन धन योजना के हाल ही में 10 वर्ष पूरे होने पर, PM मोदी ने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण का माध्यम बन गई है क्योंकि इस खाते के 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं. उन्होंने आगे कहा कि जन धन योजना के माध्यम से, सरकार भारत की माइक्रोफाइनेंस की सबसे बड़ी योजना मुद्रा योजना शुरू करने में सक्षम हुई, जिसने देश के नागरिकों, विशेषकर महिलाओं की मदद की क्योंकि इसने लाभार्थियों के खातों में लगभग 27 ट्रिलियन रुपये जमा किए.
पीएम ने कहा कि आज 53 करोड़ से ज़्यादा लोगों के पास जनधन खाते हैं, यानी पिछले 10 सालों में हमने यूरोप की आबादी के बराबर लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है. जनधन, आधार और मोबाइल ने डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति ला दी है. आज दुनिया का आधा डिजिटल पेमेंट भारत में होता है. यूपीआई फिनटेक का एक बड़ा उदाहरण बन गया है. चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी, गर्मी हो या सर्दी या बारिश, भारत में बैंकिंग सेवाएं यूपीआई सेवाओं के साथ 24*7 काम करती हैं.
PM मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत उन देशों में से एक था, जहां बैंकिंग प्रणाली बिना किसी अनियमितता के पूरे समय काम कर रही थी. हाल ही में जन धन योजना ने 10 साल पूरे किए हैं. यह महिला सशक्तिकरण का माध्यम बन गया है, क्योंकि इसमें 29 करोड़ से अधिक महिलाओं के खाते हैं. इन खातों में हमने महिलाओं की बचत और निवेश के लिए कार्यक्रम बनाए. इन खातों के आधार पर हमने माइक्रोफाइनेंस की सबसे बड़ी योजना यानी मुद्रा योजना शुरू की, जिसके माध्यम से लगभग 27 ट्रिलियन रुपये जमा किए गए और 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं. जन धन ने स्वयं सहायता समूहों को भी बढ़ावा दिया है, जिसका लाभ 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा है, जिसका अर्थ है कि यह महिला सशक्तिकरण का माध्यम है.
जीएफएफ का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. भारत और विभिन्न देशों के नीति निर्माताओं, नियामकों, वरिष्ठ बैंकरों, उद्योग प्रमुखों और शिक्षाविदों सहित लगभग 800 वक्ता सम्मेलन में 350 से अधिक सत्रों को संबोधित करेंगे. जीएफएफ ने फिनटेक परिदृश्य में नवीनतम नवाचारों का प्रदर्शन किया. जीएफएफ 2024 में 20 से अधिक विचार नेतृत्व रिपोर्ट और श्वेत पत्र भी लॉन्च किए गए, जो अंतर्दृष्टि और गहन उद्योग जानकारी प्रदान करते हैं.