नई दिल्ली: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने की साजिश पर चिंता जताई और इसके खिलाफ कठोर कदम उठाने की घोषणा की. उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए देश की सुरक्षा और विकास के लिए नए मिशन की शुरुआत की बात कही.
'हाई पावर डेमोग्राफी मिशन' की घोषणा
पीएम मोदी ने चेतावनी दी कि कुछ ताकतें सुनियोजित तरीके से देश की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश कर रही हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. उन्होंने कहा कि घुसपैठिए हमारे युवाओं के रोजगार के अवसर छीन रहे हैं और हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं. वे भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह कर उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन सामाजिक तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है. "हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर आजादी हासिल की थी. उनकी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम घुसपैठ को स्वीकार न करें. इसलिए, हम 'हाई पावर डेमोग्राफी मिशन' शुरू कर रहे हैं, जो इस संकट से निपटने के लिए समयबद्ध तरीके से काम करेगा."
नक्सलवाद पर प्रहार और विकास की नई राह
पीएम मोदी ने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि एक समय में 125 जिले नक्सलवाद की चपेट में थे, लेकिन अब यह समस्या केवल 20 जिलों तक सिमट गई है. खासकर आदिवासी क्षेत्रों में माओवाद के प्रभाव को कम करने में सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है.
उन्होंने बस्तर का उदाहरण देते हुए कहा, "पहले बस्तर का नाम लेते ही बम और बंदूक की आवाज गूंजती थी, लेकिन आज वहां के युवा नक्सलवाद से मुक्त होकर खेल के मैदान में भारत माता की जय के नारे लगाते हैं. उन्होंने जोड़ा कि जिन क्षेत्रों को कभी 'रेड कॉरिडोर' कहा जाता था, वे अब विकास के 'ग्रीन कॉरिडोर' बन रहे हैं. "हमने उन क्षेत्रों में संविधान, कानून और विकास का तिरंगा लहराया है."