वैज्ञानिकों ने बताई वायनाड भूस्खलन की वजह, अभी नहीं टला है खतरा!

Global Bharat 30 Jul 2024 09:20: PM 3 Mins
वैज्ञानिकों ने बताई वायनाड भूस्खलन की वजह, अभी नहीं टला है खतरा!

केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी दी गई है. मरने वालों की तादाद और बढ़ने की आशंका है. राहत व बचाव कार्य के लिए सेना की तैनाती की गई है. इसी बीच केरल सरकार ने दो दिन के शोक की घोषणा की है. वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेताओं ने इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. दुर्घटना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पूरी तरह से बचाव कार्य में जुटी हुई है. एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. इसी बीच एक वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक ने भूस्खल की वजहों की जानकारी दी है.

उन्होंने कहा कि अरब सागर के गर्म होने की वजह से गहरे बादल बन रहे हैं, जिससे केरल में भारी बारिश हो रही है और बेहद कम समय में अधिक बारिश होने की वजह से भूस्खलन की संभावना बढ़ रही है. कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (CUSAT) के वायुमंडलीय रडार अनुसंधान आधुनिक केंद्र के निदेशक एस अभिलाष ने कहा कि सक्रिय मानसूनी के कारण ही केरल के वायनाड, कालीकट और मलप्पुरम जैसे जिलों में भारी बारिश हो रही है. उन्होंने बताया कि इस वजह से पिछले दो सप्ताह से पूरा कोंकण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है.

वैज्ञानिक ने जानकारी दी है कि लागातार बारिश होने की वजह से मिट्टी में नमी आ गई थी और भूस्खलन हो गया. अभिलाष ने बताया कि जैसे 2019 में केरल में बाढ़ की स्थिति थी, ठीक वैसी ही स्थिति इस बार भी देखी गई. उन्होंने बताया कि 2019 की तरह ही इस बार भी बादल छाए हुए थे और परिणाम स्वरूप लोगों को भीषण त्रासदी का सामना करना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कर्मियों, अर्धसैनिक बलों, केरल सरकार के अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के साथ अभियान में समन्वय करेंगे.

इस बीच, केरल के वन मंत्री ससीन्द्रन नुकसान का आकलन करने और तत्काल प्रतिक्रिया उपायों का समन्वय करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे, राज्य मंत्री रामचंद्रन कदन्नापल्ली जल्द ही जमीनी स्तर पर प्रयासों में शामिल होंगे.इसके अलावा, राजस्व, लोक निर्माण और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभागों के राज्य मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल तिरुवनंतपुरम से हवाई यात्रा कर रहा है और केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने की उम्मीद है. केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि राज्य सरकार "युद्ध स्तर" पर बचाव प्रयासों को अंजाम देने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है.

मुख्यमंत्री अभियान की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने मंत्रियों की एक टीम वायनाड भेजी है. बचाव अभियान के समन्वय के लिए एक आईएएस अधिकारी वायनाड में डेरा डाले रहेंगे. 250 लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. हम फंसे हुए लोगों को हवाई मार्ग से निकाल रहे हैं. केरल के मंत्री ने कहा है कि बचाव अभियान के लिए सरकार द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने केएसडीएमए के अधिकारियों से की बात

इससे पहले, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भूस्खलन प्रभावित वायनाड क्षेत्रों की स्थिति पर केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा की. विजयन ने कहा कि केरल एसडीएमए कार्यालय के दौरे में, भयंकर भूस्खलन के बाद, वायनाड के चूरलमाला में चल रहे राहत और बचाव कार्यों का मूल्यांकन किया. मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन से प्रभावित चूरलमाला में बचाव कार्यों में सहायता के लिए कन्नूर के एझिमाला नौसेना बेस से भारतीय नौसेना की एक टीम केरल के जिले में भेजी जा रही है.

CM के आग्रह पर वायनाड भेजी जा रही नौसेना की टीम

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुरोध पर नौसेना की टीम भेजी जा रही है. क्षेत्र में बचाव कार्यों के लिए सेना और वायु सेना को भी तैनात किया गया है, जो चूरलमाला शहर में एक मुख्य पुल के ढह जाने के कारण बाधित हुआ है. केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार खोज और बचाव प्रयासों के लिए पुलिस ड्रोन और एक डॉग स्क्वायड को तैनात किया जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से की बात

जिला कलेक्टर डीआर मेघश्री ने कहा कि बचाव कार्यों के लिए सेना की एक टुकड़ी चूरलमाला पहुंच गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से बात की और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में सहायता और बचाव के लिए सेना को जुटाने का निर्देश दिया और सेना की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं. डीएससी सेंटर कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान, कोझिकोड से 122 टीए बटालियन को घटनास्थल पर भेजा गया. भारतीय नौसेना से 30 विशेषज्ञ तैराकों की एक टीम को तैनात किया जा रहा है. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, वायु सेना स्टेशन सुलूर से दो हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं.

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