नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों ने सोमवार को तियानजिन में अपनी संयुक्त घोषणा में पहली बार पहलगाम आतंकी हमले की सामूहिक निंदा की, जो भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है. घोषणा में कहा गया है, "सदस्य देश 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं." सदस्य देशों ने पीड़ितों और घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और शोक व्यक्त किया. उन्होंने आगे जोर दिया कि ऐसे हमलों के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, SCO सदस्यों ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवादी, अलगाववादी या उग्रवादी समूहों का स्वार्थी उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है.
घोषणा में संप्रभु देशों और उनके सक्षम प्राधिकरणों की आतंकवादी और उग्रवादी खतरों का मुकाबला करने में अग्रणी भूमिका को भी मान्यता दी गई है. "सदस्य देश आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार्य मानते हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद, जिसमें आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही शामिल है, का मुकाबला करने का आह्वान करते हैं." यह घोषणा उस समय आई है जब दो महीने पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख न होने के कारण SCO की संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था.
तियानजिन शिखर सम्मेलन में इस निंदा को शामिल करना भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और सक्रिय रुख की मान्यता के रूप में व्यापक रूप से देखा जा रहा है. इससे पहले, भारत ने आतंकवाद को संबोधित करने में चीन और पाकिस्तान के साथ मतभेदों के कारण SCO रक्षा मंत्रियों के बयान से बाहर रहने का फैसला किया था.
2025 के SCO रक्षा मंत्रियों के शिखर सम्मेलन में एक अभूतपूर्व कूटनीतिक क्षण देखा गया, जब भारतीय रक्षा मंत्री ने चीन के किंगदाओ में हुई बैठक के दौरान संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. मूल संयुक्त बयान में मार्च में पाकिस्तान में जफर एक्सप्रेस अपहरण का उल्लेख था, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं था. इस साहसिक निर्णय ने भू-राजनीतिक परिदृश्य में गहरी छाप छोड़ी, जिसने आतंकवाद के प्रति भारत के अडिग रुख और रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
भारत ने कैसे पलटा पासा