नई दिल्ली: संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से आज एसआईटी पूछताछ की जा रही है. पूरा मामला उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा से जुड़ा है. यह सर्वे एक अदालती आदेश के तहत किया जा रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन हिंदू मंदिर के खंडहरों पर हुआ था. सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसक झड़पें हुईं. इस घटना में चार लोगों की मौत हुई और कई पुलिसकर्मी सहित अन्य लोग घायल हो गए.
हिंसा में पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं. इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम प्रमुखता से उभरा है. पुलिस और प्रशासन ने आरोप लगाया है कि बर्क ने हिंसा को भड़काने में भूमिका निभाई. उनके खिलाफ लोगों को उकसाने और हिंसा को सुनियोजित तरीके से अंजाम देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस ने बर्क को पूछताछ के लिए कई बार नोटिस जारी किया, जिसमें 8 अप्रैल 2025 को विशेष जांच दल (SIT) के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, बर्क ने दावा किया है कि वह घटना के समय संभल में मौजूद नहीं थे और यह उनके खिलाफ सियासी साजिश है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन एफआईआर को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के पूर्व जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया. आयोग ने कई बार संभल का दौरा किया और पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों व अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए. फॉरेंसिक रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा में पुलिस की गोली से कोई मौत नहीं हुई, बल्कि अवैध हथियारों और पाकिस्तान निर्मित कारतूसों का इस्तेमाल हुआ था. पुलिस ने अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले में जांच जारी है.
बर्क पर अतिरिक्त आरोप अवैध निर्माण और बिजली चोरी के भी हैं, जिसके चलते उनके घर की जांच की गई और उन्हें दस्तावेज पेश करने के लिए बार-बार नोटिस दिए गए. यह मामला अभी भी जांच और कानूनी प्रक्रिया के अधीन है.