सीएम योगी ने एक आईपीएस ऑफिसर पर इतना तगड़ा एक्शन लिया है कि यूपी पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. हर कोई पूछ रहा है कि बाबा इतने गुस्से में क्यों हैं. उस आईपीएस अधिकारी ने न तो कोई घोटाला किया और ना ही फेक एनकाउंटर किया फिर भी वर्दी से स्टार छीन गया. गुनाह इतना बड़ा था कि आप भी सुनकर कहेंगे ऐसे अधिकारियों पर तो इससे भी तगड़ा एक्शन होना चाहिए.

हल्की-हल्की मूंछों वाले इस अधिकारी का नाम है अंकित मित्तल. साल 2014 में आईपीएस की वर्दी मिली तो सिर पर वर्दी का नशा ऐसा चढ़ा कि किसी को कुछ समझते ही नहीं थे. यूपी के पूर्व डीजी गोपाल गुप्ता की बेटी से शादी हुई. शादी के बाद कुछ सालों तक सब ठीक चला लेकिन थोड़े ही दिन बाद आईपीएस अंकित मित्तल की जिंदगी में एक और लड़की की एंट्री हो गई.
जिसके चक्कर में अंकित की पत्नी से दूरियां बढ़ती गई. वो छोटी-छोटी बातों पर पत्नी से झगड़ा करने लगा. घर में ऑफिस की तरह वर्दी का रौब दिखाने लगा. यहां तक मारपीट करने लगा. लेकिन बीवी निकली ऑफिसर की बेटी इसलिए सीधा एक ऑफिसर के पास पहुंची और आवेदन देकर कहा साहब मैं IPS अंकित मित्तल की पत्नी हूं.
मेरे पति की गैर महिला के साथ अवैध संबंध हैं, जब भी मैं कुछ बोलती हूं तो वो मेरे साथ बदसलूकी करते हैं, कई बार मारपीट भी कर चुके हैं. शिकायत मिलते ही डीजी ट्रेनिंग ने जांच शुरू की. गोंडा एसपी के पद से हटाकर अंकित मित्तल को आरटीसी चुनार भेज दिया गया. जांच के बाद जब ये पता चला कि सारे आरोप सच हैं तो अंकित मित्तल को सस्पेंड कर दिया गया.
यूपी पुलिस की वेबसाइट के मुताबिक, अंकित मित्तल 2014 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं, हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं. इनके पिता का नाम राजेन्द्र मित्तल है. साल 2019 में इन्हें सिल्वर मेडल भी मिल चुका है, मतलब तेज-तर्रार ऑफिसर में इनकी गिनती होती है. 35 साल के अंकित मित्तल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की है.
लेकिन कहते हैं दिमाग तेज-तर्रार हो और कैरेक्टर पर कंट्रोल न हो तो फिर आप कभी भी फंस सकता है. अंकित मित्तल से ठीक पहले योगी का चाबुक उन्नाव के सीओ पर अवैध सबंध के चक्कर में चला. वहां तो डिप्टी एसपी के पद से सीधा डिमोट कर सिपाही बना दिया गया. जिसके बाद से पूरे यूपी पुलिस महकमे में ये बात फैल गई कि अगर कुछ गलत किया तो बाबा छोड़ेंगे नहीं, योगी का साफ आदेश है.
प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े मामलों पर तुरंत एक्शन होना चाहिए. वरिष्ठ अधिकारी मौके का मुआयना करें और समय से जांच पूरा करें. आरोपी चाहे बड़ा हो या छोटा, एक्शन कानून के हिसाब से कड़ा होना चाहिए.
योगी ने मुख्यमंत्री बनने के दो साल बाद ही यानी साल 2019 में चार बड़ी महिला आईपीएस ऑफिसर को महिला सुरक्षा की कमान सौंप दी थी. योगी ने आईपीएस रेणुका कुमार, तनुजा श्रीवास्तव, नीरा रावत और अंजू गुप्ता को साफ आदेश दिया था कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकिए. जिसके बाद मनचलों पर कार्रवाई तेज हो गई थी.
लेकिन अब जिस तरह से यूपी पुलिस ने अपने ही विभागीय अधिकारियों पर जिनके खिलाफ शिकायत मिली है. एक्शन लेना शुरू किया है, उसका सीधा मतलब ये है कि यूपी पुलिस को जितना ध्यान माफियाओं पर बुलडोजर चलाने पर ध्यान है. उतना ही ध्यान अपने चरित्र पर भी देना है ताकि आपकी वर्दी पर लगी दाग पूरे पुलिस डिमार्टमेंट की छवि खराब न करे.