ग्लोबल भारत नेशनल डेस्क: हिंदुस्तान के इतिहास में इस्लामी एकता का इतना बड़ा प्रोग्राम शायद पहली बार हो रहो, जगह है हरियाणा का नूंह, जहां 19 से 21 अप्रैल के बीच करीब 15 लाख मुसलमान जुटने वाले हैं, पूरे 21 एकड़ वाले पंडाल के एरिये में पुलिस की एंट्री नहीं होगी, बल्कि वो बाहर रहकर व्यवस्था देखेगी, बाकी की 100 एकड़ जमीन में पार्किंग और बाकी के इंतजाम होंगे. बिरयानी बेचने वालों के लिए खास आदेश है कि या तो वेज बिरयानी बनाना या फिर नॉनवेज में सिर्फ चिकेन बिरयानी होगी, बाकी कोई बिरयानी बनाई, और कोई हंगामा खड़ा हुआ तो फिर हरियाणा पुलिस क्या करेगी, इसका अंदाजा आप भी लगा सकते हैं, शायद इसीलिए ये आदेश जारी किया गया है, फिलहाल हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं, इनके ही कार्यकाल में एक बार नूंह जल चुका है, इसलिए 15 लाख मुसलमानों का वहां जुटना कई तरीके के संकेत भी दे रहा है, एक छोटे शहर में इतने लोगों का पहुंचना ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती हो सकती है. ऐसे में सवाल ये भी है आखिर ये जुट क्यों रहे हैं, क्या वक्फ बोर्ड के खिलाफ जो देशभर में प्रदर्शन चल रहा है, ये एकजुटता उसी से जुड़ी है या फिर मामला कुछ और है. मीडिया रिपोर्ट बताती है
इसे लेकर तैयारियां करीब 4 महीने से चल रही हैं, लेकिन अब तारीख नजदीक आ रही है तो चर्चाएं भी तेज होने लगी है. तबलीगी जमात का चूंकि मकसद ही इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करना, लोगों को इस्लामिक रीति-रिवाजों के बारे में बताना और 6 सिद्धातों का पालन करवाना है, जिसमें
दुनियाभर में 150 देशों में इसके करोड़ों लोग हैं, जिसमें 15 साल की उम्र से लेकर बड़ी उम्र तक के इस्लामिक विद्वान होते हैं, खास बात ये है कि इसमें अकेली महिलाओं को एंट्री नहीं मिलती, अगर किसी महिला को इससे जुड़ना है तो उसे अपने पति के साथ जाना होगा, हालांकि इन्हें मरकज यानि केन्द्र या मस्जिद में रुकने की अनुमति नहीं मिलती, बल्कि उन्हें गांव के ही किसी मुस्लिम के घर रुकना होता है, गांव-गांव में जो लड़के 6 सिद्धातों को लोगों को बताने जाते हैं, वो स्थानीय मस्जिद में ही रुकते हैं, ये एक ऐसी संस्था है, जिसका न कोई रजिस्ट्रेशन है, और ना ही कागजों पर कोई काम आता है, बल्कि सबकुछ मौखिक ही चलता है, जो अपने आप में हैरान करने वाली बात है, यहां तबलीगी का मतलब है अल्लाह के संदेश का प्रचार करने वाला समूह, इन्हें अल्लाह मियां की फौज भी कहा जाता है, लेकिन इस्लाम धर्म के ही कई लोग तबलीगी जमात पर सवाल भी उठाते हैं, हालांकि नूंह में जब इतनी भारी संख्या में लोग जुटेंगे तो क्या बात होगी, इसपर भी सबकी निगाहें टिकी हैं, क्या हरियाणा से कोई नया संदेश देने की कोशिश है, देश में एक तरफ नए वक्फ कानून का विरोध चल रहा है तो दूसरी तरफ तबलीगी जमात का इस तरीके का पहली बार जलसा होना, क्या कहता है.