नई दिल्ली: तालिबान ने 'बदला अभियान' में सीमा झड़पों के दौरान 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का दावा किया है और सख्त चेतावनी जारी की है. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने चेतावनी दी कि अफगान सेनाएं देश की सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यह बयान दुर्गम लाइन के साथ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर घातक 'बदले की' कार्रवाइयों के एक दिन बाद आया.
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की 'बार-बार होने वाली उल्लंघन' पर 'दृढ़ जवाब' दिया, जिसमें हेलमंद, कंधार, पाक्टिका, खोस्त, पाक्टिया, जाबुल, नंगरहर और कुनार प्रांतों में सैन्य और मिलिशिया चौकियों को निशाना बनाया गया. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये अभियान आधी रात तक समाप्त हो गए. मुजाहिद ने 'इस्लामिक आर्मी' को दुर्गम लाइन पर हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया और चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान 'पिछली गलतियां दोहराता है', तो काबुल का जवाब 'पहले से ज्यादा कठोर' होगा.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुजाहिद ने टोलो न्यूज के हवाले से कहा, "अफगानिस्तान को अपने हवाई और जमीन की सीमाओं की रक्षा का अधिकार है और वह किसी भी हमले का जवाब नहीं छोड़ेगा." अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता मौलवी मोहम्मद कासिम रियाज ने मीडिया को बताया कि अफगान सेनाओं ने दुर्गम लाइन के पास बह्रमचा जिले में अभियान चलाया.
काबुल स्थित न्यूज आउटलेट हुर्रियत रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान सैनिकों ने हमले के दौरान तीन पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियां कब्जा लीं. पाकिस्तान ने सीमाएं बंद कर दीं: रविवार को दोनों देशों की सुरक्षा बलों के बीच रात भर चली झड़पों के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ अपनी मुख्य सीमा पार करने वाली जगहें बंद कर दीं. पाकिस्तान की अफगानिस्तान के साथ दो मुख्य क्रॉसिंग—टोरखम और चमन—रविवार को बंद कर दी गईं.
साथ ही स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि खरलाची, अंगूर अड्डा और गुलाम खान पर कम से कम तीन छोटे रास्ते भी बंद हो गए. हफ्ते की शुरुआत में अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर राजधानी काबुल और देश के पूर्वी हिस्से में एक बाजार पर बमबारी का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली. हिंसा तब शुरू हुई जब शनिवार रात देर से तालिबान बलों ने कथित रूप से कई पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर गोलीबारी की.
गोलीबारी खैबर-पख्तूनख्वा के अंगूर अड्डा, बाजौर, कुर्रम, डिर, चित्राल और बलूचिस्तान के बरामचा सहित कई प्रमुख चौकियों पर हुई. पाकिस्तानी सुरक्षा स्रोतों ने कहा कि गोलीबारी का मकसद ख्वारिज—राज्य द्वारा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लिए के अवैध प्रवेश को आसान बनाना था. काउंटरऑफेंसिव ने सीमा पर कई अफगान चौकियों को निशाना बनाया और नष्ट कर दिया.
बदले की गोलीबारी में दर्जनों अफगान सैनिक और ख्वारिज मारे गए. पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने अफगान हमलों को बिना उकसावे का बताया और कहा कि पाकिस्तानी सेनाएं हर ईंट के लिए पत्थर से जवाब दे रही हैं. अफगान सेनाओं द्वारा नागरिक आबादी पर गोलीबारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है. पाकिस्तान की बहादुर सेनाओं ने तुरंत और प्रभावी जवाब दिया है कि कोई उकसावा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पाकिस्तान ने गुरुवार के हमलों को अंजाम देने की बात स्वीकार नहीं की, लेकिन काबुल से अपनी जमीन पर पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) को पनाह देना बंद करने की अपील की. टीटीपी, जिसे अफगानिस्तान में युद्ध प्रशिक्षण मिला है और जो अफगान तालिबान की विचारधारा साझा करता है, पर पाकिस्तान का आरोप है कि उसने 2021 से सैकड़ों उसके सैनिकों की हत्या की है.
पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत की एक हफ्ते की यात्रा पर हैं, जो अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल से पहली उच्च स्तरीय यात्रा है.