नई दिल्ली: अररिया जिले के फारबिसगंज क्षेत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आने वाले दौरे से एक दिन पूर्व, शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमावर्ती जोगबनी में एक धार्मिक पोस्ट से जुड़ी सोशल मीडिया टिप्पणी को लेकर भारी बवाल मच गया. दो पक्षों के बीच बढ़ते विवाद ने हालात इतने बिगाड़ दिए कि स्थानीय प्रशासन को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की टुकड़ियों को सड़कों पर उतारना पड़ा और बाजार क्षेत्र को पूरी तरह पुलिस घेराबंदी में बदलना पड़ा.
घटना की जड़ में 'आई लव मोहम्मद' नामक सोशल मीडिया पोस्ट पर किसी युवक द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी थी, जो तेजी से वायरल हो गई. टिप्पणी के फैलते ही शुक्रवार को एक समुदाय के लोग लाठियां और डंडे थामे सड़कों पर उतर आए. वे आरोपी युवक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे और जबरदस्ती बाजार बंद कराने लगे. नवरात्रि के अवसर पर चहल-पहल भरे बाजार में कई दुकानदारों ने दुकानें बंद करने से इनकार किया, तो गुस्सैल भीड़ ने उन पर हमला बोल दिया. मारपीट की, पत्थर फेंके और दुकानों में लूटपाट व तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं.
दोपहर होते-होते दूसरे पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंचे और बंद पड़ी दुकानों को जबरन खोलने की कोशिश करने लगे. इससे दोनों गुटों के बीच सीधा टकराव हो गया और माहौल बेहद नाजुक बन गया. सूचना मिलते ही जोगबनी थाने की पुलिस के अलावा फारबिसगंज के एसडीएम रंजीत कुमार रंजन, एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, बीडीओ, सीओ तथा बथनाहा और फारबिसगंज समेत आसपास के थानों की फोर्स घटनास्थल पर डेरा डाले रही.
प्रदर्शनकारियों की उग्रता और स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए जिला प्रशासन ने सीमा सुरक्षा के लिए तैनात एसएसबी के सैनिकों को सड़कों पर उतार दिया. एसएसबी, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वित प्रयासों से आखिरकार तनाव को काबू में कर लिया गया. अधिकारियों ने लाउडस्पीकर से ऐलान कर बंद दुकानों को फिर से चालू करवाया और शांति बहाल की. बड़े अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.