महाकुंभ में मौतों की साजिश किसने रची, ये प्लान धीरे-धीरे डिकोड हो रहा है, और उसमें जो जानकारियां सामने आई है, वो चौंका देने वाली हैं, कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI के बड़े नेता शाहिद जमाल के बेटे सिराजुद्दीन से यूपी ATS ने पूछताछ की, जिसमें पता चला वो महाकुंभ मेले में गया था, यूपी पुलिस ने जब पूछा कि क्यों गए तो जो जवाब दिया वो हैरान करने वाला था, जिसके बारे में बताएं उससे पहले जांच में हुआ दूसरा बड़ा खुलासा खुलासा सुनिए, जिसके मुताबिक CAA और एनआरसी का जो लोग विरोध कर रहे थे, उस वक्त जो लोग जेल गए थे, उसमें से कई लोग इस खेल में शामिल हो सकते हैं. जांच टीम को ये इनपुट सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डाटा डंप के आधार पर मिला है.
इसमें संदिग्धों के मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया अकाउंट डिटेल और नाम भेजे गए हैं, वहां की पुलिस वेरिफिकेशन और पूछताछ के बाद जो इनपुट देगी, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी, ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जो काम पुलिस अभी कर रही है, वो काम उसी वक्त उसने क्यों नहीं किया, जब महाकुंभ में सैकड़ों सीसीटीवी लगे थे, संदिग्ध को देखकर पहचाना जा सकता था, तो उस वक्त पुलिस को शक क्यों नहीं हुआ, कंट्रोल रूम एक्टिव क्यों नहीं हुआ, अगऱ ऐसा होता तो हादसे को रोका जा सकता था, लेकिन प्लानिंग रचने वालों ने बड़ी ही चालाकी से रात का वक्त चुना, 29 तारीख के हमले का इनपुट खुफिया एजेंसियों के पास भी था, क्योंकि अमेरिका में बैठे पन्नु ने भी धमकी दी थी, अब क्या किसी बाहरी व्यक्ति का भी हाथ है, कोई बाहर से बैठकऱ इन सारी चीजों को कंट्रोल कर रहा था, इसका खुलासा भी अब एनआईए की एंट्री के बाद होगा, लेकिन दैनिक भाष्कर अपनी रिपोर्ट में STF अधिकारी के हवाले से जो चौंकाने वाली बात लिखता है, उसे सुनकर आपको इतना यकीन हो जाएगा कि यूपी पुलिस ने तैयारी दो कदम आगे की की थी, पर सारी तैयारियों पर साजिशकर्ता 29 नवंबर को भारी पड़ गए.
वो लिखता है...इंटेलिजेंस ने CAA, NRC के प्रदर्शनकारी, क्रिमिनल हिस्ट्री, प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन करने वाले लोगों पर इनपुट दिए थे. इसके आधार पर UP के 1 लाख से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन कराया गया. उन्हें समझाया गया और मैसेज दिया गया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की तरफ मूवमेंट नहीं करें. इसके बावजूद भगदड़ होने के बाद जांच में पाया गया कि इनमें से कुछ का मूवमेंट महाकुंभ में हुआ. सिर्फ वाराणसी और आसपास के 10 जिलों के 16 हजार लोगों को महाकुंभ से पहले ही काशी के बाहर मूवमेंट करने से मना किया गया, लेकिन, 117 लोगों का मूवमेंट काशी के बाहर मिला, इनमें 50 से ज्यादा लोग प्रयागराज भी पहुंचे थे, ये सभी गैर हिंदू हैं.
पुलिस की जांच ये इशारा कर रही है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे कुछ लोगों ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर निगेटिव कमेंट किए, बल्कि वहां जाकर माहौल भी खराब किया, पर फिलहाल किसी का कबूलनामा सामने नहीं आया है, NSUI के जिस नेता के बेटे से पूछताछ हुई, उसने ये कहकर बचने की कोशिश की कि सेक्टर-7 में उसने पार्टनरशिप में दुकान लगाई थी, जिसे अब हटा दिया गया है, तो क्या सारे दुकानों की भी जांच होगी, क्या दुकानदार की वेश में कोई घुसा था, ये बड़ा सवाल है.