ऑपरेशन महादेव क्या है? जिसने कांग्रेस की आत्मा में लगाई आग! Amit Shah का ये कैसा पलटवार?

Abhishek Chaturvedi 31 Jul 2025 06:45: PM 3 Mins
ऑपरेशन महादेव क्या है? जिसने कांग्रेस की आत्मा में लगाई आग! Amit Shah का ये कैसा पलटवार?

पहलगाम के जो दुश्मन जंगलों में सीक्रेट कैंप बनाकर छिपे थे, उनकी सीक्रेट लोकेशन सुरक्षाबलों को कैसे मिली, इसकी पूरी इनसाइड स्टोरी अब सामने आई है, कैसे उन दुश्मनों की एक गलती और सुरक्षाबलों की सतर्कता ने उन्हें जहन्नुम पहुंचा दिया. पूरी कहानी सुनकर आप भी कहेंगे जय हिंद की सेना. पर कुछ लोग अब भी ऑपरेशन की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं, कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष ऐसा लग रहा है जैसे भारत विरोधी अभियान चला रहा है, मोदी विरोध के चक्कर में कांग्रेस लगता है भारत विरोधी बन गई. और इसकी पूरी कुंडली सदन में शाह ने खोलकर रख दी.

22 अप्रैल को पहलगाम की घटना होती है, उसी दिन हाईलेवल मीटिंग होती है, गृहमंत्री अमित शाह पहलगाम जाकर पूरा अपडेट लेते हैं, जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक हलचल तेज होती है, सेना ऑपरेशन महादेव लॉन्च करती है, वहां के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी होती है, कुल 1055 लोगों से पूछताछ होती है, करीब 3 हजार घंटे की पूछताछ की रिकॉर्डिंग कर एनआईए के अधिकारी क्लू निकालते हैं, हर संदिग्ध से सेना का बस सवाल यही था उन्हें पनाह किसने दी.

बशीर और परवेज नाम के दो दगाबाज गिरफ्तार किए जाते हैं, जो बताते हैं, ''21 अप्रैल की रात करीब 8 बजे तीन लोग घर पर आए थे, जिनके हाथों में हथियार थे, वो वहीं रुके, उन्हें खाना-पानी दिया, और फिर वो चले गए.'' अब सेना के पास तीन दुश्मनों की सटीक जानकारी थी, सर्विलांस से जानकारियां जुटाई जाती है, लोकल मुखबिरों को उनकी एक्टिविटी का पता लगाने के लिए कहा जाता है, जिसके बाद 22 मई को एक चरवाहा इन दहशतगर्दों की लोकेशन पहली बार सेना को देता है, लेकिन सेना वहां पहुंच पाती, उससे पहले ही वो फरार हो जाते हैं, इधर पूरा देश एक सुर में पूछ रहा था वो तीनों आतंकी कहां हैं. इत्तेफाक से सावन के महीने में ही ख़बर आती है ऑपरेशन महादेव सफल हुआ, तीनों आतंकी मार गिराए गए, सदन में गृहमंत्री अमित शाह इसकी जानकारी देते हैं.

जिसे लेकर अखिलेश यादव टाइमिंग पर सवाल उठाते हैं, पूछते हैं अभी ही क्यों मारा, उधर पाकिस्तान कहता है भारत ने कई पाकिस्तानी नागरिकों को जेल में बंद रखा है, उनमें से ही तीन को मारा है, यानि विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोलने लगा था, जबकि सच्चाई ये थी कि 26 जुलाई को सेना को ये इनपुट मिला था कि दाचीगाम नेशनल पार्क की महादेव चोटी पर तीनों दहतगर्द मौजूद हैं, ये चीन का दिया हुआ सैटेलाइट फोन इस्तेमाल कर रहे थे, जिसे अपने आकाओं को ख़बर देने के लिए जैसे ही ऑन किया, सुरक्षाबल अलर्ट हो गए. सेना की पैरा कमांडो ने 48 घंटे की कॉम्बिंग के बाद लिडवास और महादेव चोटियों के पास जाकर इन तीनों को ढेर किया.

लेकिन तब भी विपक्ष सवाल उठाने से बाज नहीं आता, बल्कि पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम तो ये तक कह देते हैं कि वो पाकिस्तानी थे इसका क्या सबूत है, तो ये सबूत भी सदन में शाह रखते हैं. जो कांग्रेस बार-बार ये पूछ रही थी कि ट्रंप के दावे पर मोदी न कुछ जवाब क्यों नहीं दिया, उस पर शाह करारा पलटवार करते हैं, और जो अखिलेश यादव चीन के खतरे का जिक्र करते हैं, उनकी भी आंखें शाह का बयान खोल देगा कि कैसे कांग्रेस ने चीन से एक तरीके का MOU किया है. यानि सबूत वाले सदन में बेनकाब हो चुके हैं, सिर्फ बयानों के सहारे नहीं कुछ आंकड़े भी आपको दिखाते हैं, फिर आप तय कीजिए किसकी सरकार में क्या बदला है.

  • मनमोहन राज में पाकिस्तान को डोजियर भेजे जाते थे, देश में जहां-तहां घटनाएं होतीं रहती थीं
  • मोदी राज में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होता है
  • 2004 से 2014 के बीच UPA के दौर में 7217 आतंकी घटनाएं हुईं, 1770 नागरिक मारे गए
  • हर साल पत्थरबाजी की 2654 घटनाएं होतीं थीं, जबकि साल में 132 दिन कश्मीर बंद होता था
  • जबकि 2014 से 2025 तक आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई, 357 नागरिकों की मौत हुई
  • पत्थरबाजी की घटनाएं एक भी नहीं हुई, तो वहीं 123 प्रतिशत ज्यादा आतंकी मारे गए, सुरक्षा बढ़ी

जिसका सीधा सा असर ये हुआ कि कश्मीरी की मंदिरों में घंटियां गूंजने लगीं, मंत्रोच्चार सुनाई देने लगा, कश्मीरी पंडितों की वापसी शुरू हुई और पाकिस्तान अब इस डर में बैठा है कि 370 हटने के बाद जिस हिसाब से कश्मीर में विकास हुआ, कहीं पीओके उसके हाथ से न चला जाए, जो लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि अभी नहीं तो पीओके कब लेंगे, उन्हें भी शाह ने भरे सदन में ये बता दिया है कि उसकी तारीख क्या होगी. साथ ही कांग्रेस का ब्लूचिस्तान ब्लंडर भी देश के सामने रख दिया. जब मनमोहन सरकार ने कहा था भारत और पाकिस्तान दोनों आतंकवाद से पीड़ित हैं. यानि ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव ने दुश्मनों की सांसें अटका दी हैं, चीन-पाकिस्तान दोनों को ये समझ आ चुका है कि भारत डोजियर नहीं भेजता ब्रह्मोस मिसाइल भेजता है. 

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