नई दिल्ली: संभल जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद से सबके मन में एक सवाल है कि अबकी बारी किसकी है? क्या ईद के बाद संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी होने वाली है, या फिर उनसे पहले एक और मुस्लिम नेता के जेल जाने की फाइल तैयार हो रही है? ग्लोबल भारत टीवी के संवाददाता अभिषेक शांडिल्य ने जब संभल के जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया से बातचीत की तो उन्होंने क्या जवाब दिया, जरा वो सुनिए, फिर बताते हैं बर्क के अलावा वो मुस्लिम नेता कौन हैं, जिन पर गिरफ्तारी की गाज गिर सकती है.
डीएम साहब का बयान साफ इशारा कर रहा है आरोपी चाहे कोई भी उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितना भी बड़ा रसूखदार हो, बर्क पर कुल तीन गंभीर आरोप लगे हैं, पहला है 24 नवंबर को भड़की हिंसा को भड़काने का, दूसरा है बिजली चोरी का और तीसरा है बिना नक्शा पास करवाए मकान बनाने का. जिसमें 5 दिसंबर से लेकर अब तक नोटिस-नोटिस का दौर चल रहा है, 5 अप्रैल को इसकी अगली सुनवाई होनी है. अगर कागजात नहीं मिले तो मकान पर बुलडोजर चल सकता है, जिस मामले में जफर अली को गिरफ्तार किया गया, उस FIR में साफ लिखा है...''बर्क के 'जामा मस्जिद की हिफाजत' वाले बयान ने भीड़ को इकट्ठा किया. बर्क ने 22 नवंबर को मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद बगैर प्रशासनिक इजाजत के भीड़ जुटाई और उन्हें भड़काया. जिसका परिणाम 24 नवंबर को दिखा.''
खुलासा ये भी हुआ है कि 24 नवंबर को अंदर सर्वे हो रहा था, तब बाहर भीड़ के बीच स्थानीय विधायक इकबाल महमूद का बेटा सुहैल इकबाल भी मौजूद था, जिसने 700-800 लोगों की भीड़ को ये साफ-साफ कहा कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं. हम लोग तुम्हारे साथ हैं. कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबों को पूरा करो.
इसलिए सुहैल इकबाल की गिरफ्तारी भी हो सकती है, बावजूद इसके बर्क खुद को बेकसूर बता रहे हैं उनका कहना है मैं उस दिन बेंगलुरू में था. इसीलिए पुलिस तमाम सबूत लंबे वक्त से जुटा रही है, 31 मार्च या 1 अप्रैल को ईद होगी, 6 अप्रैल को रामनवमी है, इसी दिन संभल मस्जिद के बाहर बन रहे दो मंजिला पुलिस थाने का उद्घाटन भी हो सकता है, ऐसे में पुलिस इन सबके बीच अपनी कार्रवाई में तेजी लाने की कोशिश में जुटी है, जानकार बताते हैं बर्क का जेल जाना दो बातों पर निर्भर करता है.