Batla House connection of Sambhal violence: संभल के कई घरों में ताले लटके हैं, आरोपी घर छोड़कर फरार हैं, जिन्हें संभल के आसपास के जिलों में तलाशा जा रहा था, लेकिन जैसे ही पीएम आवास से 15 किलोमीटर दूर से एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई. अदनान नाम के उपद्रवी को यूपी पुलिस दिल्ली से उठाकर ले गई, पूरी जांच की दिशा घूम गई. मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने दिल्ली के उन 5 जगहों की पूरी कहानी खोलकर रख दी, जहां संभल पुलिस सर्च ऑपरेशन चलाने वाली है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह कहते हैं... 24 नवंबर की घटना के बाद से संभल के कई घरों में ताले लटके हैं. आरोपी अपने-अपने घरों से फरार हैं. संभल के दिल्ली कनेक्शन की जांच की जा रही है. जामिया, ओखला, जाफराबाद और सीलमपुर जैसी जगहों पर हमारी नजर है. वीडियो देखें...
इन इलाकों में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है, ऐसे में ये भी हो सकता है आने वाले दिनों में संभल पुलिस की एक टीम दिल्ली में ही कैंप कर जाए, संभल के एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र बताते हैं सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहले हमने इसकी पहचान की, उसके बाद सूचना मिलने पर दबिश देकर पकड़ा है, जबकि संभल के एसपी केके बिश्नोई ये साफ कहते हैं कि अदनान के बाकी साथियों को भी जल्द ही पकड़ा जाएगा.
अदनान ने पूछताछ में ये बताया है कि वो अपने दोस्त के साथ बाटला हाउस में रुका था, बाटला हाउस का नाम आते ही एनकाउंटर की तस्वीरें ताजा होती है, साथ में उस फिल्म की भी याद आती है, जो कुछ साल पहले इस घटना पर बनी थी, ऐसे में ये भी गंभीर जांच का विषय है कि बाटला हाउस के आसपास आरोपियों को शरण कौन दे रहा है, क्या फिर से कोई बड़ी प्लानिंग रची जा रही है.
जिन इलाकों के नाम मुरादाबाद कमिश्नर ने लिए हैं, वो इसलिए भी खास हैं, क्योंकि साल 2020 में इनमें से कुछ इलाकों में दंगे भी हुए थे, जिसमें नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाके जो सीएम आवास से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं, दिल्ली पुलिस मुख्यालय से भी जिनकी दूरी ज्यादा नहीं है, वो इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे. जिसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को खुद सड़कों पर उतरकर मोर्चा संभालना पड़ा था, यानि वो घटना संभल से भी कई गुणा बड़ी थी, ऐसे में दिल्ली के दंगाई क्या संभल के दंगाईयों को अब शरण देने में लगे हैं, और मिलकर कुछ बड़ा करने वाले हैं.
ये भी एक गंभीर चिंता की बात है. आने वाले साल में दिल्ली में चुनाव भी है, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी दिल्ली दंगे के एक आरोपी ताहिर हुसैन को जहां मुस्तफाबाद से टिकट दे चुकी है, तो वहीं पुलिस पर बंदूक तानने वाले शाहरूख को भी चुनाव लड़वाना चाहती है. कानून के नजरिए से जिन्हें जेल में होना चाहिए, उन्हें ओवैसी की पार्टी विधानसभा पहुंचाना चाहती है, जिस पर दिल्ली में अलग सियासी हंगामा मचा हुआ है, अगऱ इन सारे कड़ियों को जोड़कर देखें तो संभल और दिल्ली का कनेक्शन 3 बड़े सवाल खड़े करता है.
ये वो सवाल हैं, जो अदनान की गिरफ्तारी के बाद आम लोगों के मन भी उठने लगे हैं, अब तक 94 लोगों की पहचान हुई है, जिसमें से 50 ही पकड़े गए हैं, फिर बाकी के 44 कहां हैं, क्या वो दिल्ली से भी दूर भाग चुके हैं, ये भी एक बड़ा सवाल है.