संभल: वो 5 सिंघम ऑफिसर कौन हैं, जो नहीं होते तो शायद संभल का सच बाहर नहीं आता? एक ऑफिसर लंबे वक्त से संभल में ड्यूटी पर था, बाकी के ऑफिसर नए-नए गए थे, जिनमें से दो राजस्थान के रहने वाले हैं. एक महिला ऑफिसर यूपी की देवरिया की रहने वाली हैं जबकि दो और ऑफिसर मुजफ्फरनगर और फतेहपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने एक साथ मिलकर बाबर पर गर्व करने वालों का गुमान तोड़ डाला. संभल में सनातन सभ्यता के बरसों पुराने निशान को उजागर कर डाला. इसमें पहले नंबर पर हैं...
1. वंदना मिश्रा: संभल जिले में एसडीएम की पद पर पोस्टेड हैं
जो देवरिया के गौरी मिश्र गांव की रहने वाली हैं. 39 साल उम्र है, LLB की डिग्री भी इनके पास है. कानूनी दांव-पेंच को अच्छी तरह समझती हैं. गोरखपुर और बनारस से पढ़ी-लिखी हैं, फिलहाल संभल के कब्रिस्तानों तक से सच निकालने में जुटी हैं. इनके बाद दूसरे नंबर पर हैं...
2. अनुज चौधरी- संभल जिले में डीएसपी के पद पर तैनात हैं
मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं, उम्र 46 साल है, नेशनल गेम्स में अब तक 17 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, खेल कोटे से पुलिस में भर्ती हुए, उनकी काम के साथ-साथ पर्सनालिटी के चर्चे भी हर तरफ होते हैं. फिलहाल संभल के दंगाईयों का ये इलाज करने में जुटे हैं, 24 नवंबर को खुद घायल हुए, लेकिन सर्वे टीम को सुरक्षित निकलवाने में बड़ी भूमिका निभाई. इनके बाद तीसरे नंबर पर हैं...
3. श्रीश चंद्र- संभल जिले में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात हैं
यूपी के फतेहपुर के रहने वाले हैं, उम्र 47 साल है, हिंदी के अच्छे जानकार माने जाते हैं, एमफिल और पीएचडी की डिग्री है. साल 2001 बैच के PPS ऑफिसर हैं, अगस्त 2022 में संभल के एडिशनल एसपी बनाए गए. फिलहाल संभल में सनातन सभ्यता के निशान ढूंढने में लगे हैं, कभी खुद मंदिर की सफाई करने लगते हैं, तो कभी ASI सर्वे के लिए पहुंची टीम को पूरा अपडेट देते हैं. संभल एसपी के साथ मिलकर ये तय करने में लगे हैं कि कोई पत्थर न उठाए. इनके बाद चौथे नंबर पर हैं...
4. केके बिश्नोई- संभल जिले के एसपी पद पर तैनात हैं
राजस्थान के बाड़मेर जिले के दोहरीमन्ना गांव के रहने वाले हैं, बचपन में घरवालों ने नाम रखा कृष्णा, स्कूल जाते-जाते नाम हो गया कृष्णा कुमार, बाद में टाइटल के साथ नाम लिखना शुरू किया और बन गए केके बिश्नोई यानि कृष्ण कुमार बिश्नोई. पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन और चाइनजी स्टडीज में एमफिल की डिग्री इनके पास है. इसी साल सितंबर महीने में संभल में इन्हें तैनाती मिली हैं, जाते ही जिले में कानून व्यवस्था को ऐसे मजबूत किया कि बदमाश शहर छोड़कर भागने लगे, जो बचे-खुचे थे उन्होंने 24 नवंबर को उत्पात मचाया तो सीधा ऐलान किया पुलिस पीछे नहीं हटेगी. फिलहाल संभल की सच्चाई ढूंढने में लगी टीम को सुरक्षा देने में लगे हैं. इनके बाद पांचवें नंबर पर हैं...
5. राजेन्द्र पेंसिया- संभल जिले में डीएम पद पर तैनात हैं
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले हैं, साल 2015 बैच के IAS ऑफिसर हैं. पढ़ाई में बीकॉम की डिग्री इनके पास है. इसी साल जून महीने में संभल डीएम का पदभार संभाला, उसके बाद स्कूलों में छापेमारी की, लापरवाह अधिकारियों पर शिकंजा कसा, और उसके बाद संभल में छिपे सनातनी सभ्यता के अवशेषों को ढूंढने के लिए एक बड़ा अभियान लॉन्च कर दिया, जिस पर कई लोग सवाल भी उठा रहे हैं.
लेकिन पांचों अधिकारियों ने अपने एक्शन से ये साफ कर दिया है कि हम हर हाल में कानून का पालन करवाएंगे, चाहे वो सपा सांसद जियाऊर्रहमान बर्क के घर की सीढ़ियों पर बुलडोजर चलाने की बात हो या फिर उनके घऱ छापेमारी और बिजली चोरों पर एक्शन की, 24 नवंबर के बाद से संभल में हर रोज नए सूरज के साथ नई कार्रवाई हो रही है, जो बहुत कम देखने को मिलता है.