नई दिल्ली: कहते हैं कभी-कभी फैसले कानून से नहीं सम्मान और भावनाओं से लिए जाते हैं और एक ऐसा ही फैसला मोदी-शाह की जोड़ी ने मुदासिर अहमद शेख की मां को लेकर लिया है, जिसकी तारीफ पूरा हिंदुस्तान कर रहा है. कश्मीर से कुल 59 पाकिस्तानी निकाले गए, लेकिन पीओके में जन्मी शमीमा अख्तर को नहीं भेजा गया.

ये हैं मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर, जिनका बेटा 25 मई 2022 को बारामूला में दुश्मनों से लड़ते हुए एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गया. बेटे मुदसिर अहमद शेख की याद में चौक भी बनाया गया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृहमंत्री अमित शाह और सेना के कई बड़े अधिकारी उनकी मां से मिलने पहुंचे. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कॉन्स्टेबल मुदसिर को मरणोपरांत शौर्यचक्र से भी सम्मानित किया गया.

मई 2023 में राष्ट्रपति मुर्मू ने उनकी मां शमीमा को ये सम्मान दिया, गले से लगाया, हिम्मत बंधाई. लेकिन पहलगाम की घटना के बाद जब पाकिस्तानियों की वापसी के आदेश जारी हुए, तो ऐसी ख़बरें आईं कि शमीमा को भी भेजा जा सकता है. कई मीडिया चैनल्स में ये ख़बरें भी चलीं,, लेकिन कुछ ही घंटे बाद बारामुला जिला पुलिस मुख्यालय की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी किया गया, जिसमें लिखा था, '' शहीद (शौर्य चक्र विजेता) कॉन्स्टेबल मुदासिर अहमद उर्फ बिंदास की मां की कथित वापसी के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें झूठी, निराधार हैं और इनका स्पष्ट रूप से खंडन किया जाता है.
हालांकि कई बार कंफ्यूजन की वजह से कई ऐसी चीजें हो जाती हैं, जिसकी उम्मीद नहीं की जाती. मुदसिर के चाचा के हवाले से दैनिक भास्कर ने इस खंडन से पहले लिखा था. मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की रहने वाली हैं. वे 45 साल से उरी में रह रही थीं. 20 साल की उम्र में ही इनकी शादी मेरे भाई मोहम्मद मकसूद से हुई थी, सरकार को केवल पाकिस्तानियों को वापस भेजना चाहिए, क्योंकि पीओके तो हमारा क्षेत्र है.
मुदसिर के चाचा की बात सरकार ने सुन ली, लेकिन दो तस्वीरें और आपको दिखाते हैं. ये हैं सीआरपीएफ के जवान मुनीर खान, जो खुद अपनी पत्नी मीनल खान को अटारी बॉर्डर पर छोड़ने पहुंचे, जहां उनकी पत्नी ने कहा, ''मैं तो मोदी सरकार से यही गुहार लगाऊंगी जो पाकिस्तान से शादी कर आई हैं, जिनके बच्चे हैं, उन मां-बच्चों को अलग नहीं किया जाए, लेकिन ये भी कहूंगी दुश्मनों को कड़ी सजा देना.

ये एक सैनिक की पत्नी का धर्म बोल रहा है, लेकिन लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर इतनी भारी संख्या में पाकिस्तानी रह रहे थे. ये बात किसी को पता क्यों नहीं थी, क्या सरकारी रिकॉर्ड में सारे आंकड़े थे, लेकिन जनता तक ये बात नहीं पहुंच पाई थी. अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 1500 पाकिस्तानियों के होने की ख़बऱ आई, जिन्हें चुन-चुनकर निकाला गया. योगी सरकार ने दावा किया हमने सबको भेज दिया, लेकिन ईटीवी भारत अपनी रिपोर्ट में लिखता है पाकिस्तान से दुल्हन बनकर आई ईरम अब तलाकशुदा होकर पाकिस्तान जाएगी. जानकारी के मुताबिक
जिसके बाद वीजा नहीं आगे बढ़ा तो मुश्किलें बढ़ने लगी. इसी दौरान पहलगाम की घटना के बाद पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश मिला, लेकिन अब इरम की मांग है कि उसे अपने बेटी-बेटा के साथ पाकिस्तान जाने दिया जाए, क्योंकि वो इनके बिना नहीं रह पाएगी, लेकिन सच्चाई ये है कि बॉर्डर पर सारे दस्तावेज चेक हो रहे हैं.