समाजवादी पार्टी का नेता राशिद खान कौन है? योगीराज में वो एक लड़की को किस शह पर धमकाता है, वो अस्पताल में नहीं मानती, तो किसके कहने पर उसके घर में जाकर धमकी देता है, इसकी पूरी कहानी आपको 5 तस्वीरों के जरिए समझाते हैं. पहली तस्वीर राशिद खान और अखिलेश य़ादव की है, जिसमें वो मुलायम सिंह की प्रतिमा के सामने अखिलेश यादव के साथ फोटो क्लिक करवाता है बगल में अवधेस प्रसाद भी खड़े होते हैं. मुलाकात की ये तस्वीर 16 जुलाई 2024 की है, जो बताता है अवधेश और अखिलेश दोनों का ये करीबी है.

अब इसके रसूख की तस्वीर देखिए. चित्रकूट में जिला जज राकेश यादव के बर्थडे पार्टी में शरीक होता है. उन्हें केक खिलाता है, उसकी तस्वीर अपलोड करता है और ये संदेश देने की कोशिश करता है कि मेरी पहुंच काफी ऊपर तक है, पर तस्वीरों का किस्सा अभी खत्म नहीं होता, तीसरी तस्वीर यूपी के सबसे बड़े माफिया रहे मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के साथ की है, वो अफजाल और सुहैब से मिलकर कब्रिस्तान पहुंचकर फातिहा पढ़ता है, मगफिरत की दुआं करता है, उसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करता है, जो ये बताता है सपा नेता राशिद खान का बड़े-बड़े नेताओं से बड़ा नाता है. अब चौथी तस्वीर पर आते हैं, और वो ऐसी तस्वीर है, जिसे देखकर आप कहेंगे ये तो सपा की सियासत की बहुत बड़ा चाणक्या है.

चुनाव के दौरान राशिद ने अवधेस प्रसाद को जीताने के लिए जी-जान लगा दी थी, बीकापुर विधानसभा क्षेत्र के कई जगहों पर वो चौपाल लगाता है, लोगों से अवधेश प्रसाद को जीताने की अपील करता है, ये राशिद की राजनीति का सफेद हिस्सा था, लेकिन काला हिस्सा ये है कि राशिद जैसे लोग अपनी पार्टी के नेताओं को बचाने के लिए काले कारनामों पर उतर जाते हैं. पर अभी राशिद का काला चिट्ठा पूरी तरह से नहीं खुला है, बल्कि पांचवीं तस्वीर में इससे भी बड़ा राज छिपा है,पांचवीं तस्वीर धर्मेन्द्र यादव के साथ है, इस तस्वीर में धर्मेन्द्र यादव और अवधेश प्रसाद के साथ राशिद बीच में खड़ा-खड़ा मुस्कुरा रहा है, जो ये बताता है राशिद की पकड़ सिर्फ अखिलेश तक नहीं बल्कि अखिलेश के पूरे परिवार तक है वैसे भी मुलायम सिहं के राज में एक तबके के नेताओं को सैफई के महल में बिना सोचे-समझे एंट्री दी जाती थी. राशिद खान की पुरानी फाइल पढ़ने में अब पुलिस जुटी हुई है, जिसमें ये पता चला है कि साल 2012 में अयोध्या के भदरसा में जब माहौल बिगड़ा था, दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हुआ था, गुजरात वाली कहानी दोहराने की साजिश रची गई थी, तब उसमें भी राशिद खान का हाथ था, ऐसे आरोप बजरंग दल ने राशिद खान पर लगाए थे.

जो बताता है राशिद खान भले ही सफेद कुर्ता पहनकर खुद को सफेदपोश नेता बताने की कोशिश करे, पर इसकी कुंडली क्राइम के आरोपों से भरी पड़ी है, और अब अयोध्या वाले केस में राशिद ने एंट्री लेकर जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है, क्योंकि ये केस खुद सीएम योगी आदित्यनाथ देख रहे हैं, एक-एक रिपोर्ट अयोध्या के एसपी से वो सीधा अपने पास मंगवा रहे हैं, और जिस दिन राशिद खान के खिलाफ पुलिस ने सबूत जुटा लिए, उस दिन क्या होगा आप खुद जानते हैं, बाकी गुनाहों का हिसाब भले ही बाद में हो, पर इस लड़की और उसकी मां को धमकी देने वाला गुनाह अगर कोर्ट में साबित हो गया तो राशिद खान की सियासत का एंड तय है. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि आरोपियों का नाता समाजवादी पार्टी से ही जुड़ा क्यों आ रहा है, क्या इसके पीछे कोई बड़ी कहानी है, आप क्या सोचते हैं, कमेंट कर बता सकते हैं.