मणिपुर की ये 10 साल की बच्ची कौन, जिसने पूरे हिंदुस्तान को भावुक कर दिया 

Abhishek Chaturvedi 13 Sep 2025 09:06: PM 2 Mins
मणिपुर की ये 10 साल की बच्ची कौन, जिसने पूरे हिंदुस्तान को भावुक कर दिया 

...यह महज एक तस्वीर नहीं, बल्कि मणिपुर की हर उस मां-बेटी का दर्द है, जिसने अपनी आंखों के सामने अपने समुदाय और अपने राज्य के लोगों के साथ अत्याचार होते देखा है, जैसे अपने अभिभावक को अपना दुख बताते हुए बच्चे रो पड़ते हैं, ठीक वैसे ही ये बच्चे देश के मुखिया को अपना दुखड़ा बताते हुए रो रही है, जिसके बारे में लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये है कौन, इसे जानने के लिए इस वीडियो को शुरुआत से देखना होगा, जब मोदी हाथ जोड़े अंदर कमरे में दाखिल होते हैं, उनके पीछे-पीछे होते हैं उनके दो सुरक्षाकर्मी, जैसे ही मोदी कुर्सी पर बैठते हैं, माइक थामते हैं, सामने बैठी महिलाओं और बेटियों को बारी-बारी से अपनी बात कहने का मौका मिलता है, जहां चश्मा लगाई एक महिला खड़ी होकर मोदी को पूरा घटनाक्रम लगता है समझाने की कोशिश करती है. जबकि वहीं बैठी एक महिला पल्लू से आंसू पोंछती नजर आती है. पूरे कमरे का हाल कुछ ऐसा ही दिख रहा था, हर कोई भावुक था. ऐसे में हमने ये जानने की कोशिश की कि आखिर ये कौन लोग हैं, जिन्हें सुनकर पीएम मोदी भी भावुक हैं तो दो जानकारियां पता चली.

पहली- ये वीडियो मणिपुर की राजधानी इंफाल के कांगला किला परिसर की है, जहां हिंसा के कारण विस्थापित हुए कई परिवार हैं, वो पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे. पीड़ितों ने मोदी को ये बताया कि कैसे कुछ लोगों ने उनके परिवार और रिश्तेदारों के साथ अमानवीय हरकत की, जिसे नहीं भुलाया जा सकता. 
दूसरी- इंफाल जहां मैतई समुदाय के लोग ज्यादा हैं, और चुराचांदपुर जहां कुकी समुदाय के लोग ज्यादा हैं, दोनों पीड़ितों से मिलकर मोदी ने उनका दर्द जानने की कोशिश की, कैसे दोनों समुदायों के बीच बढ़ी दूरी को कम किया जा सकता है, ये भी जाना.

यही वजह है कि इंफाल और चुराचांदपुर दोनों जगह करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद पीएम मोदी ये भी अपील करते हैं पहाड़ और घाटी में सद्भावना का सेतू बनाइए. 

यहां पहाड़ का मतलब कुकी समुदाय की 40 फीसदी आबादी से है, जबकि घाटी का मतलब करीब 53 फीसदी मैतई समुदाय की आबादी से है, ये बच्ची उन्हीं में से एक समुदाय की लगती है. जिसने 3 मई 2023 के बाद से अब तक वहां हिंसा का दौर झेला है, अपनी आंखों के सामने 260 से ज्यादा मौतें, 1500 से ज्यादा घायल लोगों और 70 हजार से ज्यादा लोगों के विस्थापित होने की ख़बरें देखी हैं. जिसने तकनीक के इस जमाने में 10 महीने से ज्यादा वक्त तक भारत के किसी राज्य में इंटरनेट बंद होने का दौर देखा है. जिसने महिलाओं और पुरुषों के साथ होते अत्चायार को देखा है, जब पुलिस बेबस थी, सरकार सबकुछ कंट्रोल में होने का दावा कर रही थी, पर ग्राउंड पर सबकुछ जीरो था, शायद यही वजह है कि आखिर में वहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा, जब मोदी वहां पहुंचे तो लोग भावुक हो उठे, जिसका जिक्र करते हुए पीएम मोदी कहते हैं मणिपुर में नया सवेरा उग रहा है.

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