सीएम योगी ने 4 दिन का विधानसभा सत्र क्यों बुलाया, गाय-महाकुंभ पर बड़ा ऐलान!

Abhishek Chaturvedi 16 Dec 2024 01:02: PM 2 Mins
सीएम योगी ने 4 दिन का विधानसभा सत्र क्यों बुलाया, गाय-महाकुंभ पर बड़ा ऐलान!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 4 ही दिन का क्यों बुलाया गया, ये समझना आपके लिए बेहद जरूरी है, संभल से लेकर बहराइच तक पर जहां विपक्ष बवाल के मूड में है, विधानसभा के बाहर अखिलेश की पार्टी के नेता तख्तियां लेकर बैठे हैं, तो वहीं गाय और गंगा पर योगी क्या बड़ा करने जा रहे हैं. 16 दिसंबर से सत्र शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, 10 बड़े बिल पेश होंगे, कई मुद्दों पर चर्चा होगी, पहले ही दिन सीएम योगी आक्रमक अंदाज में नजर आए, जैसे पीएम मोदी ने लोकसभा में राहुल-प्रियंका के आरोपों का चुन-चुनकर जवाब दिया, वैसे ही सीएम योगी ने विपक्ष को बुरी तरह धो डाला, और ये तक कह दिया कि पूरी तैयारी से आइए, हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं.

लेकिन सवाल है सत्र चार ही दिन का क्यों, आम तौर पर शीतकालीन सत्र ज्यादा दिनों तक चलता है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ सपा नेता माता प्रसाद पांडेय कहते हैं... ''जब सरकार जनता की बात नहीं सुनती है तो विपक्ष को अपनी बात जोरदार तरीके से कहनी पड़ती है. सत्र को ज्यादा से ज्यादा दिन चलना चाहिए, लेकिन वे इसे अपनी सुविधा के हिसाब से चलाते हैं. नियम है कि सत्र साल में कम से कम 90 दिन चलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है. जबकि सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस विधानमंडल ने साफ कर दिया है कि वो विधानसभा का घेराव करेगी. कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा कहती हैं.

करीब 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में अगर विधानसभा सत्र महज चार दिन का हो तो सरकार की जनता के मुद्दों को लेकर गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. सत्र का क्या मतलब है? यह हमारे निर्वाचन क्षेत्र और राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए होता है. इसलिए हमने सत्र की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है.

हालांकि फिलहाल तारीख बढ़ाए जाने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है, सत्र के पहले दिन जहां सदन से जुड़े औपचारिक काम होने हैं, तो वहीं दूसरे दिन कई जरूरी बिल रखे जा सकते हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटी (सातवां संशोधन) विधेयक 2024, उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग (संशोधन) अध्यादेश 2024, उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश 2024 समेत कई बिल शामिल हैं, पर इन बिल पर चर्चा कितनी हो पाएगी, ये बड़ा सवाल है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ जब विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को अपने कार्यकाल में हंगामे की वजह से सत्र को स्थगित करना पड़ा. महाकुंभ से पहले ये सत्र इसलिए भी अहम है, क्योंकि 18 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश होने वाला है. जो करीब 20 हजार करोड़ का होगा. जिसमें महाकुंभ से जुड़े कई खर्चों की डिटेल हो सकती है.

क्या होता है अनुपूरक बजट?

अनुपूरक बजट एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है जिसे सरकार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पेश करती है. जब उसे अपने पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता होती है. इसी साल योगी सरकार ने फरवरी महीने में मूल बजट किया था, जो करीब 7.36 लाख करोड़ रुपये का था. इसके बाद 30 जुलाई को वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने 12,909.93 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया था. अब एक बार फ‍िर से योगी सरकार अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है, जो पूरी तरह महाकुंभ पर केंद्रित होगा. भव्य महाकुंभ का बजट कितने करोड़ का होता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं.

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