जिनपिंग से हाथ मिलाए, लेकिन गले क्यों नहीं मिले PM मोदी? SCO मीटिंग की तस्वीर उड़ा देगी होश!

Amanat Ansari 31 Aug 2025 08:37: PM 2 Mins
जिनपिंग से हाथ मिलाए, लेकिन गले क्यों नहीं मिले PM मोदी? SCO मीटिंग की तस्वीर उड़ा देगी होश!

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन दौरे पर पहुंचे तो पहले की तरह वो शी जिनपिंग से गले नहीं मिली, जो तस्वीर सामने आई उसमें पीएम मोदी शी जिनपिंग से हाथ मिलाते दिख रहे हैं, यहां तक कि SCO ग्रुप की मीटिंग से पहले जब जब मोदी पहुंचे तो जिनपिंग और उनकी पत्नी से हाथ मिलाया, जिनपिंग ने कहा ड्रैगन औऱ हाथी का साथ आना जरूरी है, जो बता रहा है रिश्तों में नरमी आई है, पर सवाल है रिश्ते बदल रहे हैं तो फिर मोदी ने जिनपिंग को गले क्यों नहीं लगाया, क्या इसके पीछे भी कोई कूटनीति है.

क्योंकि अक्सर देखा गया है, मोदी चाहे अमेरिका दौरे पर जाएं या रूस के दौरे पर, ट्रंप से लेकर पुतिन तक से गले मिलते हैं, रूस तो जितनी बार गए हर बार पुतिन को गले लगाया,तो फिर चीन भारत का दुश्मन है इसलिए अभी दिल नहीं मिले हैं, गलवान की घटना का दर्द सीने में लिए मोदी चीन पहुंचे, इसलिए सिर्फ हाथ मिलाया, क्योंकि दिल नहीं मिलते तो गले नहीं मिला जाता वाली कहावत फिट होती है, या फिर कहानी वैश्विक नीति के बदलते दौर से भी जुड़ी है.

विदेश मामलों के जानकार कहते हैं भारत अचानक से चीन पर इतना भरोसा नहीं कर सकता, ट्रंप के टैरिफ ने गोल पोस्ट जरूर बदल दिए हैं, पर चीन से यारी भारत के स्वदेशी पर भारी पड़ सकती है. पीएम मोदी जब चीन में थे, उसी दौरान मन की बात में वो लोगों से ये भी कहते हैं कि स्वदेशी को बढ़ावा दीजिए, गर्व से कहिए हमने स्वदेशी सामान खरीदा है, पर कांग्रेस से लेकर सपा तक ये पूछ ऱही है कि चीन तो हर साल भारत में खूब अपना माल भेजता है, और उसके सामान ने एक तरह से भारतीय बाजार पर कब्जा कर लिया है, दीवाली की दीये से लेकर होली के पटाखे तक सब चाइनीज हैं, फिर स्वदेशी को बढ़ावा कैसे मिलेगा,क्या गले न मिलने वाली तस्वीर ये इशारा कर रही है कि रिश्ते सुधरे तो हैं पर इतने नहीं सुधरे कि गले मिल सकें. क्योंकि चीन का क्या भरोसा, सामने तारीफ करे और पीठ पीछे धोखा दे दे.

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की उसने जिस हिसाब से मदद की, और विपक्षी पार्टियां जमीन कब्जाने का जैसा आरोप लगा रही हैं, उस हिसाब से चीन से दोस्ती सतर्कता के साथ जरूरी समझ आती है. क्योंकि चीन से जिन मुद्दों पर सहमति बनी है उसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा में भारतीयों को जाने की अनुमति, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान, गलवान औऱ देपसांग जैसे इलाके से सैनिक हटाना शामिल है, पर कुछ मुद्दों पर बात अब भी नहीं बनी है. 

किन मुद्दों पर नहीं बनी बात

  • LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) अब भी निर्धारित नहीं, स्थायी समाधान नहीं निकला है.
  • चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर विशाल डैम बना रहा है. भारत इसका विरोध कर रहा है.
  • पाकिस्तान के साथ चीन की गहरी साझेदारी और भारत की क्वाड में मौजूदगी को लेकर दोनों देशों में अविश्वास बना हुआ है.

साल 2020 के बाद भारत ने चीनी कंपनियों और एप्स पर रोक लगाई. चीन के साथ व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ा है, यही वजह है कि मोदी के हाथ मिलाने की तस्वीर सामने आई तो कई तरीके की चर्चा भी शुरू हो गई है.

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